
उत्तराखंड के चंपावत जिले में और पीलीभीत जिले में आश्रम बना कर रहने वाले प्रेम सुगंध जी महाराज की पहचान हरियाणा पुलिस के भगोड़े विभोर बत्रा के रुप में हुई है। पचास हजार के इस फरार ईनामी ठग की पुलिस को दस सालों से तलाश है। खास बात ये कि हरियाणा पुलिस के दबिश पड़ने से पहले फरार हो गया।खबर है कि वो नेपाल के रास्ते निकल गया है।
पीलीभीत पूरनपुर में आश्रम प्राकृतिक सुंदरता के साथ शांत वातावरण के नाम से पहचान रखने वाला जिला आपराधिक घटनाएं को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है। तीन दिन पूर्व हरियाणा पुलिस की दबिश के बाद एक बड़े रहस्य से पर्दा उठा। इस बार अपराधी से स्वामी का भेष बनाकर चार साल से नेता और अफसरों को अपनी आवाज पर दौड़ाने वाला हरियाणा पुलिस का इनामी निकला।
बताया जा रहा है कि सरकारी पेड़ों को कटवाने के बाद जमीन पर कब्जा कर आश्रम में रहने वाले इस अपराधी की धमक के नेता-अफसर मुरीद थे। हकीकत सामने आने पर सब दंग रह गए।
पूरनपुर क्षेत्र में आश्रम बनाकर रहने वाला हरियाणा पुलिस का 50 हजार का इनामी मूल रूप से हरियाणा के पंचकूला का निवासी स्वामी प्रेम सुगंध विभोर बत्रा है। बाइफरकेशन से निकलने वाली हरदोई ब्रांच नहर के पूरनपुर क्षेत्र के तेहरामीन इलाके में चार साल पूर्व खुद को स्वामी बताने वाले की एंट्री हुई। ऊपर तक पहुंच बताकर उसने नेता और अफसरों को झुकने पर मजबूर किया। लोगों का कहना है कि नहर विभाग के अनगिनत पेड़ों को कटवाकर जमीन पर कब्जा किया और आलीशान आश्रम बनाकर रहने लगा। आश्रम का नाम साक्षी फाउंडेशन रखा।
सत्ता में बैठे बड़े नेताओं तक पहुंच की आड़ में उसने जिले के नेता और अफसरों को एक आवाज पर दौड़ाना शुरू कर दिया। माह में चंद दिन आश्रम और शेष दिन उत्तराखंड के अपने दूसरे आश्रम में रहने वाले इस स्वामी से मिलने के लिए रसूख वाले समय का इंतजार करते थे। क्षेत्रीय लोगों की मानें तो नेता और अफसरों की गाड़ियों की स्वामी के आश्रम में होने पर अक्सर आवाजाही देखी जाती थी। सूत्र बताते हैं कि वह नेताओं को उलटे और अफसरों को सीधे नाम लेकर बुलाता था। जरा सी देर होने पर उन्होंने नाराजगी का सामना करना पड़ता था। कहने से पहले उसकी बात पूरी करने पर नेता अफसरों की पुरजोर कोशिश रहती थी। सिफारिशें भी कराई जाती थी। महाराज की धमक से आसपास के लोग भी डरने लगे थे। बताया जाता है कि लोग आश्रम में पास तक जाना तो दूर झांकने तक की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। सिर्फ वीवीआईपी गाड़ियों की ही आश्रम में आमद होती थी। उसके करीब आने के लिए क्षेत्र के एक जनप्रतिनिधि भी आश्रम के करीब जमीन खरीदकर निर्माण शुरू कराया। हालांकि हकीकत सामने के बाद सब दंग रह गए।
उत्तराखंड के चंपावत जिले में भी विभोर बत्रा ने आश्रम बनाया हुआ था और यहां रसूखदार लोगों का आना जाना था। अब प्रेम सुगंध जी महाराज की पोल पट्टी खुलने से हर कोई हैरान है और परेशान है ।
जानकारी के मुताबिक हरियाणा की पंचकुला पुलिस थाने में अगस्त 2014 से आरोपी के नाम पुलिस में करोड़ों की ठगी के मामले दर्ज है। हरियाणा पुलिस ने विभोर बत्रा पर 50 हजार का ईनाम घोषित किया हुआ था।
बताया जाता है कि उक्त भगोड़े ने अपने परिजनों को कनाडा में शिफ्ट कर दिया था। कुछ माह भूमिगत रहने के बाद इसने पूरनपुर क्षेत्र में गजरौला में तेरहा आश्रम स्थापित किया और उसके बाद उत्तराखंड में चंपावत जिले में दक्ष फाउंडेशन के साधना केंद्र की स्थापना की थी।