
नई दिल्ली।
भारत ने मलेरिया के खिलाफ बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए पहली स्वदेशी मलेरिया वैक्सीन तैयार कर ली है। यह उन्नत वैक्सीन प्लाजमोडियम फेल्सीपेरम परजीवी के खिलाफ कारगर है और सामुदायिक संक्रमण रोकने में भी प्रभावशाली मानी जा रही है।
भुवनेश्वर स्थित ICMR-आरएमआरसी ने इस वैक्सीन को एडफाल्सीवैक्स नाम से विकसित किया है। इसकी खासियत यह है कि यह शरीर में परजीवी पहुंचने से पहले ही उसे निष्क्रिय कर देती है और मच्छरों के जरिए फैलाव को भी रोकती है। इसे लैक्टोकोकस लैक्टिस बैक्टीरिया की मदद से तैयार किया गया है, जो आमतौर पर दही और पनीर में उपयोग होता है।
वैक्सीन का प्री-क्लीनिकल परीक्षण सफल रहा है। यह दो परजीवी चरणों को लक्षित कर व्यापक सुरक्षा, बेहतर और दीर्घकालिक प्रतिरक्षा क्षमता प्रदान करता है, और सामान्य तापमान पर नौ महीने तक प्रभावी बना रहता है।
ICMR ने अब इसके व्यावसायिक निर्माण के लिए इच्छुक कंपनियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं।
2015 से 2023 के बीच भारत में मलेरिया मामलों में 80.5% की गिरावट दर्ज की गई है। इसी के साथ भारत 2024 में WHO के हाई बर्डन टू हाई इम्पैक्ट (HBHI) समूह से बाहर आ गया है, जो मलेरिया उन्मूलन की दिशा में एक बड़ी सफलता है।