● सावन की एकादशी हरि और हर के दिव्य संयोग की तिथि

सावन मास की एकादशी तिथि को मनाई जाने वाली कामिका एकादशी आध्यात्मिक साधना और शुभ फल प्राप्ति का विशेष दिन माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को श्रद्धा और विधि-विधान से करने से साधक को जीवन के समस्त सुख प्राप्त होते हैं और भगवान विष्णु की कृपा सदा बनी रहती है।
व्रत की तिथि व मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष कामिका एकादशी का व्रत 21 जुलाई को रखा जाएगा। एकादशी तिथि का आरंभ 21 जुलाई को दोपहर 12:12 बजे होगा और इसका समापन 22 जुलाई की सुबह 09:38 बजे तक रहेगा।
व्रत का पारण 22 जुलाई की सुबह किया जाना चाहिए।
व्रत विधि व पारण
सुबह स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें। सूर्य देव को अर्घ्य देकर पूजा स्थान को स्वच्छ करें और गंगाजल का छिड़काव करें। भगवान विष्णु के समक्ष देसी घी का दीपक जलाएं, मंत्रोच्चार करें, विष्णु सहस्रनाम या विष्णु चालीसा का पाठ करें और सात्विक भोग अर्पित करें।
इस दिन भगवान विष्णु को केसर मिला हुआ दूध अर्पित करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं।
पारण के उपरांत अन्न, धन और वस्त्रों का दान अवश्य करें। यह पुण्य कर्म जीवन में समृद्धि और शांति लाता है। सावन की एकादशी हरि और हर के दिव्य संयोग की तिथि है। इस दिन हरिहर शतनाम का पाठ अवश्य करें।
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