● …तो 2050 तक 3.85 करोड़ लोगों की जान को खतरा

नई दिल्ली।
एंटीबायोटिक दवाओं के अधिक और गलत इस्तेमाल से उत्पन्न हुए ‘सुपरबग’ (एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बैक्टीरिया) दुनिया के लिए गंभीर खतरा बनते जा रहे हैं। सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट की रिपोर्ट के अनुसार यदि रुझान ऐसे ही जारी रहे तो 2050 तक 3.85 करोड़ लोगों की जान जा सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन प्रतिरोधी संक्रमणों का इलाज सामान्य संक्रमणों की तुलना में लगभग दोगुना महंगा होता है। इसका सबसे अधिक असर निम्न और मध्यम आय वाले देशों पर पड़ेगा, जहां स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच सीमित है।
इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) के अनुसार एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) से मौतों में 60 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी संभव है। इलाज की वार्षिक लागत भी 66 अरब डॉलर से बढ़कर 2050 तक 159 अरब डॉलर तक जा सकती है।
विशेषज्ञों ने चेताया है कि बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक लेना खतरनाक साबित हो सकता है। दवा केवल विशेषज्ञ की सलाह से ही लें और उसकी पूरी डोज अवश्य पूरी करें। यह लापरवाही नहीं, वैश्विक स्वास्थ्य संकट को न्योता देना है।