
मुंबई। देश-दुनिया में रम का पर्याय बन चुकी ओल्ड मॉन्क सिर्फ एक शराब नहीं बल्कि अपने स्वाद, रूप और वफादार उपभोक्ताओं की वजह से एक भावनात्मक जुड़ाव है। सात दशक से इसका स्वाद और बोतल का डिज़ाइन एक जैसा बना हुआ है। यही कारण है कि इसे चाहने वाले आज भी किसी और ब्रांड को हाथ नहीं लगाते।
इसका नाम ‘ओल्ड मॉन्क’ कैसे पड़ा, इस पर कई कहानियां हैं। कभी पुराने मठों में रखे बैरल तो कभी इसके ‘परिपक्व’ स्वाद की बात होती है। पर इसका असली राज आज भी रहस्य बना हुआ है, जो इसे और भी खास बना देता है।
इस ब्रांड को लोकप्रिय बनाने वाले कपिल मोहन खुद शराब से दूर रहे। वे चाय प्रेमी थे। सेना से रिटायर होकर जब उन्होंने कंपनी की कमान संभाली तो इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। 2000 तक यह दुनिया की सबसे ज्यादा बिकने वाली डार्क रम बन गई। हालांकि बाद में कंपनी में पारिवारिक बंटवारे और उत्पादन इकाई की बिक्री के कारण बिक्री में गिरावट आई।
ओल्ड मॉन्क की खास बात यह है कि बिना किसी विज्ञापन के यह 50 से ज्यादा देशों में बिकती रही। इसका सबसे लोकप्रिय वेरिएंट है – XXX रम, जो 7 साल पुरानी होती है। इसके सुप्रीम और गोल्ड रिजर्व जैसे संस्करण भी हैं लेकिन लोगों की पहली पसंद वही क्लासिक स्वाद बनी रही है जो कभी नहीं बदला।
आज भी बहुत से लोग इसे इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि इसका स्वाद उन्हें अब तक की सबसे बेहतरीन रम की अनुभूति देता है, और हैंगओवर भी नहीं देता।
(अस्वीकरण: यह लेख केवल जानकारी हेतु है। हम किसी भी प्रकार से शराब सेवन को प्रोत्साहन नहीं देते और न ही इसका समर्थन करते हैं।)
एक समय यह परिवार देश की राजनीति पर अपनी मजबूत पकड़ के लिए भी प्रसिद्ध था।