
नई दिल्ली।
कौओं को यूं ही बुद्धिमान नहीं कहा जाता। हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक रोचक व्यवहार पर ध्यान दिया है, जिसे ‘ऐंटिंग’ कहा जाता है। इसमें कौए जीवित चींटियों को अपने पंखों पर रगड़ते हैं। यह कोई अजीब हरकत नहीं बल्कि एक समझदारी भरा आत्म-संरक्षण का तरीका है।
चींटियाँ रगड़े जाने पर फॉर्मिक एसिड छोड़ती हैं, जो प्राकृतिक कीटाणुनाशक का काम करता है। इससे कौओं के शरीर पर मौजूद परजीवी जैसे जूँ और कीट दूर हो जाते हैं। यह व्यवहार यह दर्शाता है कि कौए सिर्फ समस्याओं को हल करने में ही माहिर नहीं हैं बल्कि वे अपने शरीर की देखभाल के लिए प्रकृति का बुद्धिमानी से उपयोग करना भी जानते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि पक्षियों में इस तरह की उन्नत और अनुकूलनशील आदतें बहुत कम ही देखने को मिलती हैं। कौओं का यह व्यवहार उन्हें पक्षियों में सबसे चतुर और व्यवहार कुशल जीवों की श्रेणी में लाता है।
यह खोज न केवल कौओं की समझदारी को रेखांकित करती है बल्कि यह भी बताती है कि जानवर भी अपनी सेहत और स्वच्छता के प्रति सजग होते हैं वह भी बिना इंसानों की मदद के।