
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने सहायता प्राप्त अशासकीय (एडेड) महाविद्यालयों के दिवंगत शिक्षकों के परिवारों को बड़ी राहत दी है। अब सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर उनके परिजनों को शासनादेश के अनुरूप मृत्यु उपादान (डेथ ग्रेच्युटी) का भुगतान किया जाएगा। इस फैसले पर कैबिनेट की मंजूरी के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने आधिकारिक शासनादेश जारी कर दिया है।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने जानकारी दी कि यह निर्णय उन शिक्षकों पर लागू होगा जिन्होंने सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं चुना था और जिनकी मृत्यु 58 वर्ष की आयु से पहले हो गई। इसके अलावा, वे शिक्षक जिन्होंने 60 वर्ष की सेवा आयु का विकल्प चुना था लेकिन विकल्प बदलने की निर्धारित अवधि पूरी होने से पहले ही उनका निधन हो गया, उनके परिवारों को भी डेथ ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा।
इस कदम से सैकड़ों परिवारों को आर्थिक राहत मिलने की उम्मीद है, जो वर्षों से इस सुविधा के इंतजार में थे।