● दो पनडुब्बी प्रोजेक्ट पर जल्द मुहर

नई दिल्ली।
चीन की बढ़ती नौसैनिक गतिविधियों के बीच भारत अपनी समुद्री सुरक्षा को और मज़बूत करने की तैयारी कर रहा है। रक्षा सूत्रों के अनुसार सरकार अगले साल के मध्य तक लगभग एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की दो अहम पनडुब्बी परियोजनाओं को अंतिम रूप दे सकती है।
पहली परियोजना में तीन स्कार्पीन पनडुब्बियों की खरीद शामिल है, जिन्हें मुंबई स्थित मझगांव डाक लिमिटेड (एमडीएल) और फ्रांस की नेवल ग्रुप मिलकर बनाएंगे। यह सौदा लगभग 36,000 करोड़ रुपये का है, जिसे दो साल पहले मंजूरी मिल चुकी थी लेकिन तकनीकी व वाणिज्यिक बातचीत में देरी के कारण अब तक आगे नहीं बढ़ पाया।
दूसरी और बड़ी परियोजना लगभग 65,000 करोड़ रुपये की है, जिसके तहत छह डीजल-इलेक्ट्रिक स्टील्थ पनडुब्बियों की खरीद की जाएगी। इसे 2021 में ही मंजूरी मिल चुकी है और इसे हाल के वर्षों की सबसे बड़ी ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा पहल माना जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में जर्मनी की थाईसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स ने एमडीएल के साथ साझेदारी की है।
सूत्रों का कहना है कि अगर सब कुछ तय समय पर हुआ तो स्कार्पीन प्रोजेक्ट को अगले साल की शुरुआत में ही हरी झंडी मिल जाएगी। पूरी प्रक्रिया पूरी होने में करीब छह से नौ महीने लग सकते हैं।
गौरतलब है कि ‘प्रोजेक्ट 75 इंडिया’ के तहत छह नई स्टील्थ पनडुब्बियों के निर्माण की योजना है, जबकि तीन स्कार्पीन पनडुब्बियों की खरीद पहले की योजना का हिस्सा है। एमडीएल और नेवल ग्रुप अब तक छह स्कार्पीन पनडुब्बियां भारतीय नौसेना को सौंप भी चुके हैं।