
मुंबई। भारतीय मौसम विभाग और विश्व मौसम संगठन ने ‘ला नीना’ नामक प्राकृतिक जलवायु घटना के पुनरागमन का संकेत दिया है। ‘ला नीना’ का मतलब है प्रशांत महासागर के मध्य और पूर्वी हिस्सों में समुद्र सतह का सामान्य से कम तापमान, जिससे वैश्विक मौसम पैटर्न प्रभावित होता है। इसके चलते भारत में 2025-26 के शीतकाल में सामान्य से अधिक ठंड पड़ने की संभावना है।
महाराष्ट्र में संभावित प्रभाव
उत्तर-मध्य महाराष्ट्र में ठंड बढ़ सकती है:
नासिक, पुणे, औरंगाबाद और सोलापुर जैसे जिलों में रात का तापमान 2-3 डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है।
मुंबई और कोस्टल एरिया पर प्रभाव
मुंबई, ठाणे और रायगड़ जैसे तटीय जिलों में समुद्र के समीप होने के कारण तापमान स्थिर रहेगा और ठंड का प्रभाव कम होगा।
उत्तर भारत और हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी सामान्य से अधिक हो सकती है, जिससे ठंड अधिक महसूस होगी।

किसान और नागरिकों के लिए सुझाव
शीतकालीन फसलों की तैयारी और सुरक्षा के लिए स्थानीय कृषि विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
रात और सुबह के समय गरम कपड़े पहनें।
सर्दी, खांसी और श्वसन संबंधी बीमारियों से बचाव के लिए उचित आहार और जीवनशैली अपनाएं।
‘ला नीना’ के कारण महाराष्ट्र में 2025-26 के शीतकाल में ठंड सामान्य से अधिक होने की संभावना है। नागरिकों और किसानों को मौसम के अनुसार तैयारी और सतर्कता बरतनी चाहिए।
स्रोत: ● Economic Times ● Times of India
