
पंचांग@ 5 नवंबर अक्तूबर, 2025
बुधवार, कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा, नक्षत्र- अश्विनी, भरणी; योग-सिद्धि; करण- विष्टि, बालव।
गुरु नानक जयंती। त्रिपुरारी पूर्णिमा। तुलसी विवाह समाप्ति। पूर्णिमा समाप्ति 6.49 pm
राहुकाल
12.22 pm से 1.47 pm
अभिजीत मुहूर्त
11.59 am से 12.45 pm (अशुभ)
प्रदोष काल
6.02 pm से 8.32 pm
■ दिशाशूल और दोष परिहार
- सोमवार को पूर्व दिशा में दिशाशूल होता है। सोमवार को पूर्व दिशा की यात्रा से पहले दर्पण देखना शुभ माना जाता है।
- मंगलवार को उत्तर दिशा में दिशाशूल होता है। मंगलवार को गुड़ खाकर यात्रा करने से दिशाशूल का प्रभाव कम होता है।
- बुधवार को पश्चिम दिशा में दिशाशूल होता है। बुधवार को धनिया या तिल खाकर यात्रा करने से दिशाशूल का प्रभाव कम होता है।
- गुरुवार को दक्षिण दिशा में दिशाशूल होता है। गुरुवार को दही खाकर यात्रा करने से दिशाशूल का प्रभाव कम होता है।
- शुक्रवार को पश्चिम दिशा में दिशाशूल होता है। शुक्रवार को जौ खाकर यात्रा करने से दिशाशूल का प्रभाव कम होता है।
- शनिवार को पूर्व दिशा में दिशाशूल होता है। शनिवार को उड़द या अदरक खाकर यात्रा करने से दिशाशूल का प्रभाव कम होता है।
- रविवार को पश्चिम दिशा में दिशाशूल होता है। रविवार को दलिया, घी या पान खाकर यात्रा करने से दिशाशूल का प्रभाव कम होता है।
अस्वीकरण: सद्वार्ता में प्रकाशित या प्रसारित चिकित्सा, स्वास्थ्य, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास व पुराण संबंधी सभी लेख, वीडियो व सामग्री केवल सामान्य जानकारी हेतु प्रस्तुत की जाती है। यह सामग्री विभिन्न विश्वसनीय स्रोतों से संकलित है किंतु इसका उद्देश्य किसी प्रकार की चिकित्सीय या विशेषज्ञ सलाह देना नहीं है।
कृपया किसी भी उपचार, उपाय या योगिक/ज्योतिषीय अनुशंसा को अपनाने से पूर्व संबंधित क्षेत्र के योग्य विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।
सद्वार्ता इस सामग्री के उपयोग से उत्पन्न किसी भी प्रत्यक्ष या परोक्ष प्रभाव के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।
