
◆ वाराणसी । देश की अति प्राचीन और प्रतिष्ठित संस्था ज्योतिष विज्ञान समिति द्वारा वाराणसी में आयोजित राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन में श्री सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई के कोषाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
आरके ग्रैंड होटल, सिगरा (वाराणसी) में संपन्न हुए दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रथम दिवस पर समिति के संरक्षक संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति बिहारी लाल शर्मा, समिति के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय, प्रो. रामचंद्र पांडेय, कामेश्वर उपाध्याय, प्रो. विनय पांडेय, उपाध्यक्ष प्रो. चंद्रमा पांडेय, महामंत्री प्रो. सदानंद शुक्ल, कोषाध्यक्ष प्रो. चंद्रमौली उपाध्याय तथा आयोजक राजीव नारायण पांडेय ने संयुक्त रूप से आचार्य पवन त्रिपाठी को सम्मानित किया।
बता दें कि आचार्य पवन त्रिपाठी प्रसिद्ध ज्योतिष पत्रिका एस्ट्रोलॉजी टुडे के संपादक हैं। वे मुंबई भाजपा के उपाध्यक्ष, श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष तथा अनेक पुस्तकों के लेखक भी हैं।

इस अवसर पर ‘ज्योतिष शास्त्र के आलोक में भारत का भविष्य एवं उसका वैश्विक प्रभाव’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में सहभागिता करते हुए आचार्य त्रिपाठी ने कहा, ‘वाराणसी में सम्मानित होना जीवन का परम सौभाग्य है। सबसे बड़ा सौभाग्य यह है कि धर्म और ज्ञान की नगरी काशी में इतने विद्वानों के मध्य मुझे यह सम्मान प्राप्त हुआ। काशी का महत्व इसलिए है क्योंकि प्राचीन काल से ही यह ज्ञान का केंद्र मानी जाती रही है। पूरी दुनिया में ज्ञान परंपरा, वैदिक समृद्धि, संस्कृति, संस्कार, सनातन और ज्योतिष सभी की जड़ें काशी से जुड़ी हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘ज्योतिष शास्त्र अत्यंत प्राचीन और वैदिक कालीन विशुद्ध विज्ञान है। नालंदा और तक्षशिला जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों में भी ज्योतिष शास्त्र का अध्ययन और अध्यापन होता था। पूरी दुनिया को दिशा दिखाने का कार्य ज्योतिष ने किया है। इतिहास साक्षी है कि अधिकांश बड़े कार्यों और अभियानों का शुभारंभ शुभ मुहूर्त देखकर ही किया गया। मुझे पूर्ण विश्वास है कि जैसे आज योग को पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है, वैसे ही एक दिन ज्योतिष विज्ञान को भी वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त होगी और इसका डंका पूरी दुनिया में बजेगा।’
