■ क्या है उद्देश्य और प्रक्रिया?

● नई दिल्ली।
चुनाव आयोग ने सोमवार को विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर प्रेसवार्ता की। इस दौरान आयोग ने बताया कि देश के 12 राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया शुरू की जा रही है, ताकि मतदाता सूची को अधिक सटीक और अद्यतन बनाया जा सके। जिन राज्यों में यह प्रक्रिया लागू होगी, वहां की मतदाता सूची सोमवार रात 12 बजे से फ्रीज कर दी जाएगी। हाल ही में बिहार में इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया गया था, जिसके अच्छे परिणाम देखने को मिले।
● क्या है SIR का उद्देश्य?
एसआईआर का मुख्य उद्देश्य है, मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करना। इसके तहत मृत व्यक्तियों, डुप्लीकेट नामों या गलत प्रविष्टियों को हटाया जाता है और नए योग्य मतदाताओं को जोड़ा जाता है।
जब निर्वाचन आयोग को लगता है कि साधारण वार्षिक पुनरीक्षण (Annual Revision) से सूची की गड़बड़ियाँ दूर नहीं हो पा रही हैं, तब विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का सहारा लिया जाता है।
● कैसे होती है SIR प्रक्रिया?
- एसआईआर की शुरुआत संबंधित राज्यों में ब्लॉक लेवल ऑफिसर (BLO) की नियुक्ति से होती है।
- आयोग बूथ स्तर पर विशेष कैंप आयोजित करता है।
- BLO घर-घर जाकर सत्यापन (door-to-door verification) करते हैं।
- वे फॉर्म 6, 7 और 8 के जरिए नाम जोड़ने, हटाने या सुधारने का कार्य करते हैं।
- यदि किसी मतदाता को सूची से जुड़ी शिकायत है, तो वह पहले जिलाधिकारी और आवश्यकता पड़ने पर राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) से अपील कर सकता है।

● क्या है SIR मतदाता सूची?
- इस प्रक्रिया में निर्वाचन आयोग नई मतदाता सूची को जमीनी स्तर से तैयार करता है।
- गणनाकर्ता प्रत्येक घर जाकर निर्धारित तिथि के अनुसार योग्य मतदाताओं का रिकॉर्ड बनाते हैं, बिना पुरानी सूची पर निर्भर हुए।
- ऐसा तब किया जाता है जब आयोग को लगता है कि वर्तमान मतदाता सूची त्रुटिपूर्ण या असंतुलित है और उसे पूरी तरह से नया स्वरूप देना आवश्यक है।
यह प्रक्रिया प्रायः बड़े चुनावों से पहले या परिसीमन (delimitation) जैसी प्रशासनिक पुनर्संरचनाओं के बाद की जाती है।
● SIR और Annual Revision में फर्क
- Annual Revision हर साल एक नियमित प्रक्रिया के रूप में की जाती है जबकि SIR केवल तब की जाती है, जब बड़ी गड़बड़ियाँ पाई जाएँ या व्यापक सुधार की आवश्यकता हो।
- इसे राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी चुनाव आयोग के निर्देश पर लागू करते हैं।
- इसका समय और अवधि निर्वाचन आयोग द्वारा तय की जाती है, खास तौर पर जब कोई बड़ा चुनाव निकट हो।
