
नई दिल्ली।
भारतीय रेल, जो दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, प्रतिदिन करोड़ों यात्रियों को सफर की सुविधा देती है और देश की परिवहन व्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। अब एक महत्वपूर्ण बदलाव की ओर कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
रेल मंत्रालय अपने 100 साल से भी पुराने ट्रेन नियंत्रण प्रणाली को आधुनिक तकनीक से बदलने और अपग्रेड करने की तैयारी कर रहा है। इस बदलाव का मकसद है – ट्रेनों की गति बढ़ाना और यात्रा को अधिक सुरक्षित बनाना।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे बोर्ड एडवांस डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (ADSS) तकनीक के आधार पर एक नया मास्टर प्लान तैयार कर रहा है। इसका उद्देश्य है रेल यातायात को बेहतर बनाना, सुरक्षा मानकों को सुदृढ़ करना और संचालन को अधिक कुशल बनाना।
हाल के वर्षों में ट्रेनों की लेटलतीफी, बढ़ती भीड़ और दुर्घटनाओं को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में रेलवे एक व्यापक ओवरहॉलिंग की दिशा में कदम बढ़ा रहा है, जिससे यात्रियों को तेज, सुरक्षित और तकनीकी रूप से उन्नत सेवाएं मिल सकें।
एकीकृत कमांड सेंटर होगा प्रमुख आधार
नई प्रणाली का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होगा एकीकृत कमांड सेंटर, जो ट्रेन संचालन से जुड़े सभी विभागों को एक मंच पर लाएगा। यह कमांड सेंटर मौजूदा बिखरी हुई प्रणालियों और मैनुअल नियंत्रण व्यवस्था की जगह लेगा, जिससे ट्रेन मूवमेंट मैनेजमेंट, रूट प्लानिंग और आपातकालीन स्थितियों में त्वरित निर्णय लेने में सहायता मिलेगी।
इस आधुनिक व्यवस्था के जरिए ट्रेनों के बढ़ते ट्रैफिक को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जा सकेगा और ट्रेन नियंत्रकों पर दबाव भी घटेगा। कुल मिलाकर, भारतीय रेल एक बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है, जिसका सीधा लाभ देश के करोड़ों यात्रियों को मिलेगा।