● ब्राजील की तटवर्ती कहानी जो दिल को छू जाती है

ब्राजीलिया।
2011 में ब्राजील के एक सेवानिवृत्त मछुआरे जोआओ पेरेरा डी सूजा की जिंदगी उस समय बदल गई, जब उन्होंने अपने तटीय गांव के पास समुद्र किनारे एक घायल और तेल से सने पेंगुइन को देखा। पेंगुइन लगभग मृतप्राय था। जोआओ बिना हिचकिचाए उसे अपने घर लाए, उसे साफ किया, खाना दिया और कई हफ्तों तक उसकी सेवा करते हुए उसे जीवनदान दिया।
जोआओ ने इस पेंगुइन का नाम डिंडिम रखा। जब डिंडिम पूरी तरह स्वस्थ हो गया तो जोआओ ने उसे समुद्र में वापस छोड़ दिया। लेकिन यहां जो घटित हुआ, उसने दुनिया को हैरान कर दिया।
कुछ महीनों बाद, डिंडिम वापस आ गया, ठीक उसी तट पर, उसी व्यक्ति के पास, जिसने उसे बचाया था। और यहीं से शुरू हुई एक अनोखी मित्रता, जिसने विज्ञान और भावनाओं की सीमाओं को पार कर दिया।
हर साल 8,000 किलोमीटर की यात्रा
डिंडिम एक Magellanic Penguin है, जो आमतौर पर अर्जेंटीना और चिली के तटों पर पाए जाते हैं। लेकिन डिंडिम हर साल जून में ब्राजील के इस गांव में लौट आता है, करीब 5,000 मील (लगभग 8,000 किलोमीटर) की समुद्री यात्रा करके और जोआओ के साथ लगभग आठ महीने बिताता है। इसके बाद वह प्रजनन के मौसम के लिए समुद्र में लौट जाता है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि पेंगुइन ने जोआओ को अपनी ‘काल्पनिक कॉलोनी’ या परिवार मान लिया है और यह रिश्ता गहरे स्तर पर उसके दिमाग में बस गया है।
भावुक कर देने वाला रिश्ता
जोआओ बताते हैं, ‘जब वह लौटता है तो मुझे पहचानता है। मेरी गोद में चढ़ जाता है, चहचहाता है और पूंछ हिलाता है जैसे कोई पालतू जानवर। मैं भी उसे अपने बेटे जैसा मानता हूं। स्थानीय लोग डिंडिम को प्यार का प्रतीक मानते हैं और उसकी वापसी को त्योहार की तरह मनाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान
इस अनोखी मित्रता की खबर पूरी दुनिया में फैल गई। सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ चैनलों तक, डिंडिम और जोआओ की कहानी ने करोड़ों लोगों को भावुक किया। कई डॉक्युमेंट्री और हाल ही में एक फिल्म My Penguin Friend भी इसी सच्ची घटना पर बनी है, जो दर्शाती है कि कैसे एक पक्षी और एक मानव के बीच बना संबंध किसी चमत्कार से कम नहीं।
रिपोर्ट्स के अनुसार डिंडिम ने 2016 से 2019 तक हर साल वापसी की। लेकिन उसके बाद उसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है। जोआओ अब भी हर साल समुद्र की ओर टकटकी लगाए देखते हैं, शायद यह उम्मीद करते हुए कि डिंडिम फिर लौट आए।