● वैज्ञानिकों ने बनाई अनोखी डिवाइस

कैम्ब्रिज (अमेरिका)।
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के वैज्ञानिकों ने एक क्रांतिकारी उपलब्धि हासिल करते हुए ऐसी सस्ती और पोर्टेबल डिवाइस विकसित की है, जिससे अब कैंसर और HIV जैसी घातक बीमारियों की जांच घर बैठे की जा सकेगी। इस डिवाइस की लागत मात्र 50 सेंट यानी लगभग 40 से 45 रुपये है।
यह सेंसर शरीर के तरल पदार्थों जैसे लार, मूत्र या नासिकीय स्राव की एक बूंद से ही रोग की उपस्थिति का पता लगा सकता है। खास बात यह है कि इसके लिए किसी अत्याधुनिक लैब की जरूरत नहीं है, न ही इसे ठंडे वातावरण में रखने की आवश्यकता है। यह उपकरण बिना रेफ्रिजरेशन के दो महीने तक स्थिर रह सकता है, भले ही तापमान 65 डिग्री सेल्सियस तक क्यों न हो।
इस तकनीक की नींव CRISPR-Cas12 नामक जैव-आणविक प्रणाली पर आधारित है, जो रोगजनक DNA या RNA की पहचान कर विद्युत संकेत के माध्यम से तत्काल परिणाम देती है। सेंसर को सोने की पतली परत और विशेष DNA स्ट्रैंड्स से बनाया गया है, जो उसे संवेदनशील और सटीक बनाते हैं। MIT की रासायनिक अभियांत्रिकी की प्रोफेसर एरियल फर्स्ट और उनकी टीम ने इस प्रोजेक्ट पर वर्षों तक शोध कर यह उपलब्धि हासिल की है। यह प्रोटोटाइप अब व्यावसायिक उत्पादन और क्लीनिकल परीक्षण की ओर बढ़ रहा है।
MIT में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, यह डिवाइस कैंसर-विशेष बायोमार्कर (जैसे PCA3), HIV और HPV जैसे वायरस की पहचान में सक्षम है। इसके परिणाम लैब टेस्ट के समान ही सटीक माने जा रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में यह तकनीक घर-घर पहुंचकर चिकित्सा जांच को उतना ही आसान बना देगी जितना थर्मामीटर से बुखार नापना।