● पर्यावरण संरक्षण को दी जा रही सर्वोच्च प्राथमिकता

ओस्लो।
दुनिया में पर्यावरण संरक्षण के लिए पहचाने जाने वाले देशों में नॉर्वे एक अहम नाम है। यहां पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर न केवल सख्त प्रतिबंध है बल्कि सरकार ने इसके लिए स्पष्ट और कठोर नियम भी बनाए हैं। हालांकि पेड़ों की कटाई पर पूर्ण रोक नहीं है लेकिन यह पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया, स्थानीय स्वीकृति और पुनःरोपण की शर्तों पर निर्भर है।
पेड़ों की कटाई के नियम क्या कहते हैं?
नॉर्वे की Forestry Act और Nature Diversity Act के अनुसार निजी भूमि पर कटाई तभी की जा सकती है जब भूमि स्वामी सरकार को एक विस्तृत योजना दे, जिसमें पेड़ों की संख्या, प्रजाति, और कटाई के पश्चात पुनःरोपण का विवरण हो। तीन साल के भीतर कटे हुए पेड़ों की जगह नए पेड़ लगाना अनिवार्य है। संरक्षित क्षेत्रों (जैसे जैव विविधता वाले जंगल या सामी समुदायों की भूमि) में पेड़ों की कटाई के लिए विशेष अनुमति और पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन ज़रूरी होता है। बिना अनुमति के की गई कटाई अवैध मानी जाती है और इसके लिए जुर्माना या जेल तक हो सकती है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिबद्धता
2016 में नॉर्वे दुनिया का पहला ऐसा देश बना जिसने अपनी सरकारी नीतियों में स्पष्ट किया कि वह deforestation-free supply chains को अपनाएगा यानी नॉर्वे किसी भी ऐसे उत्पाद को सरकारी खरीद में प्राथमिकता नहीं देगा, जो वनों की कटाई से जुड़ा हो।
हाल ही में ट्रॉम्स क्षेत्र में एक निजी कंपनी द्वारा अनुमत सीमा से अधिक वृक्ष काटे जाने पर पर्यावरण एजेंसी ने 2 लाख क्रोनर का जुर्माना लगाया और पुनर्वनीकरण का आदेश भी दिया।