● विदेशी छात्रों को मुफ्त शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है जर्मनी

म्यूनिख।
उच्च शिक्षा के लिए जर्मनी को अब तक ट्यूशन-फ्री देश के रूप में जाना जाता रहा है लेकिन इस छवि में अब बड़ा बदलाव आया है। जर्मनी की प्रतिष्ठित Technical University of Munich (TUM) ने शीतकालीन सत्र 2024-25 से गैर-ईयू (यूरोपियन यूनियन के बाहर) देशों के छात्रों से ट्यूशन शुल्क वसूलने का फैसला किया है। यह कदम जर्मनी की सार्वजनिक विश्वविद्यालयों की पारंपरिक नीति में ऐतिहासिक बदलाव माना जा रहा है।
बता दें कि जर्मनी में अब शिक्षा पूरी तरह से ट्यूशन फ्री नहीं रह गई है। हालांकि अभी भी देश के अधिकांश विश्वविद्यालयों में ट्यूशन शुल्क नहीं लिया जा रहा है लेकिन बवेरिया और बाडेन-वुर्टेमबर्ग जैसे राज्यों में यह नीति बदल चुकी है। शिक्षा के लिए जर्मनी आने वाले भारतीय छात्रों और अभिभावकों को अब पहले से ज्यादा सावधानी से वित्तीय योजना बनानी होगी।
TUM द्वारा जारी सूचना के अनुसार बैचलर डिग्री के छात्रों को €2,000 से €3,000 जबकि मास्टर डिग्री के छात्रों को €4,000 से €6,000 प्रति सेमेस्टर ट्यूशन फीस चुकानी होगी। यह शुल्क केवल गैर-ईयू छात्रों पर लागू होगा। यूनिवर्सिटी ने इस निर्णय को शिक्षण गुणवत्ता बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए सुविधाएं बेहतर बनाने से जोड़ा है।
अन्य राज्यों की स्थिति
यह बदलाव बवेरिया राज्य में लागू हुआ है, जहां TUM स्थित है। इससे पहले बाडेन-वुर्टेमबर्ग राज्य की यूनिवर्सिटियों ने 2017 से ही गैर-ईयू छात्रों से €1,500 प्रति सेमेस्टर फीस वसूलनी शुरू कर दी थी। अन्य जर्मन राज्यों की यूनिवर्सिटीज, जैसे कि नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया (NRW) की RWTH Aachen, अभी ट्यूशन फ्री हैं लेकिन भविष्य में शुल्क लागू करने पर विचार कर रही हैं। हालांकि इन विश्वविद्यालयों के छात्र संगठनों ने इस संभावित बदलाव का विरोध भी शुरू कर दिया है।
छात्रों के लिए नया आर्थिक गणित
इस बदलाव के साथ, अब जर्मनी में पढ़ने की योजना बना रहे छात्रों को न केवल ट्यूशन फीस, बल्कि जीवन-यापन की बढ़ती लागत को भी ध्यान में रखना होगा। 2024 से वीज़ा के लिए आवश्यक ब्लॉक्ड अकाउंट राशि बढ़ाकर €11,904 प्रति वर्ष कर दी गई है। वहीं, 2025 से न्यूनतम मजदूरी €12.82 प्रति घंटा निर्धारित की गई है, जिससे छात्रों को सीमित स्तर पर राहत मिल सकती है।
स्कॉलरशिप और छूट का विकल्प
TUM ने यह भी कहा है कि वह मेधावी और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए छूट और स्कॉलरशिप योजनाएं लागू करेगा ताकि योग्य छात्र पढ़ाई से वंचित न रहें।