● तीन महीने तक पात्र निभाएंगे तपस्वियों का जीवन, पूजन संपन्न

विनीत त्रिपाठी @वाराणसी
श्रावण मास के प्रथम सोमवार को, शिव आराधना के पावन दिन, रामनगर की विश्वविख्यात रामलीला का शुभारंभ पारंपरिक गणेश पूजन व हनुमान जी के साक्षी भाव के साथ भव्य रूप से संपन्न हुआ। वर्ष भर की प्रतीक्षा इस अद्भुत धार्मिक आयोजन की गूंज से समाप्त हुई, जब प्रभु श्रीराम के स्वरूप का पहला आगमन हुआ।
अनुष्ठान की शुरुआत पंच स्वरूपों, गुरु वशिष्ठ तथा हनुमान जी की पूजा-अर्चना से हुई। इसके पश्चात रामलीला में प्रयुक्त होने वाले औजारों व संवाद पुस्तिकाओं की पूजा कर ब्राह्मणों ने एक संवाद का पाठ किया। विशेष रूप से चयनित पांच बाल कलाकारों श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और जानकी स्वरूपों को तिलक कर माला पहनाई गई तथा दक्षिणा देकर उनका अभिनंदन किया गया। पूजन के अंत में उनकी सामूहिक आरती कर प्रसाद वितरण किया गया।

इस पूजन के साथ ही तीन महीने तक चलने वाली कठोर साधना का आरंभ हुआ। रामलीला समाप्त होने तक इन पात्रों को घर जाना वर्जित रहेगा। वे घाट स्थित धर्मशाला में निवास करेंगे, जहां वे संवाद, अभिनय और भाव-भंगिमा की निरंतर साधना करेंगे। इस अवधि में वे अपने असली नामों से नहीं बल्कि निभाए जा रहे पात्रों के नामों से ही पुकारे जाएंगे।
पूजन कार्यक्रम में प्रमुख पंडित रामनारायण पांडेय, शांतनारायण पांडेय, आदित्य दत्त, आशुतोष पांडेय, संपतराम, शिवदत्त, चंद्रशेखर, हृदयनारायण पांडेय, संतोष, दयाशंकर, अनिल सिंह मणि, कृष्ण चंद्र द्विवेदी सहित सैकड़ों लीला प्रेमी श्रद्धापूर्वक उपस्थित रहे।