● कराची में मुस्लिम कलाकारों ने रचा सांस्कृतिक इतिहास

कराची (पाकिस्तान)।
पाकिस्तान के कराची शहर में एक अनोखा और ऐतिहासिक सांस्कृतिक क्षण देखने को मिला जब मुस्लिम कलाकारों के एक थिएटर ग्रुप ‘मौज’ ने रामायण का मंचन कर सबको चौंका दिया। कराची आर्ट्स काउंसिल में वीकेंड के दौरान हुए इस मंचन में परंपरा और तकनीक का अनूठा संगम देखने को मिला, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की सहायता से कथा को जीवंत किया गया।
जहां एक ओर पाकिस्तान में अक्सर हिंदू अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर सवाल उठते रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इस नाटक ने सहिष्णुता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की एक नई मिसाल पेश की है। नाटक के निर्देशक योहेश्वर करेरा ने मंचन को लेकर कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि रामायण जैसे पवित्र ग्रंथ का मंचन पाकिस्तान में कोई विवाद खड़ा करेगा। इसके उलट, हमें लोगों से अपार स्नेह और समर्थन मिला।’ उन्होंने यह भी जोड़ा, ‘रामायण को मंच पर लाना मेरे लिए केवल एक प्रस्तुति नहीं, बल्कि एक सौंदर्यपूर्ण अनुभव था।’
कला समीक्षक ओमैर अलवी ने भी इस प्रयोग की सराहना करते हुए कहा, ‘रामायण के इस मंचन में प्रकाश संयोजन, पारंपरिक वेशभूषा, भावनाओं से भरपूर अभिव्यक्ति और संगीत, सब कुछ दर्शनीय था। यह एक ऐसा अनुभव था जो आत्मा को छू गया। यह कथा वैश्विक है और हर दिल को छू सकती है।’
इस प्रस्तुति में माता सीता की भूमिका निभा रहीं निर्माता राणा काजमी ने कहा, ‘रामायण जैसी महागाथा को नए अंदाज़ में दर्शकों तक पहुंचाना मेरे लिए एक रोमांचक यात्रा रही। हमने इसे सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक संवाद के रूप में प्रस्तुत किया।’