
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाने वाला हरतालिका तीज व्रत आज मंगलवार, 26 अगस्त को है। इसे गौरी तृतीया भी कहा जाता है। भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित यह पर्व देशभर में महिलाओं के बीच विशेष आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। विवाहित स्त्रियां अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए तथा अविवाहित कन्याएं मनचाहे वर की कामना से इस व्रत का पालन करती हैं।
● क्यों कहते हैं हरतालिका?
धार्मिक मान्यता के अनुसार ‘हरतालिका’ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, हरत (अर्थात हरण) और आलिका (अर्थात सखियां)। कथा के अनुसार जब पार्वतीजी का विवाह भगवान विष्णु से तय कर दिया गया तो उनकी सहेलियां उन्हें हरण कर घने जंगल की गुफा में ले गईं। वहीं माता पार्वती ने रेत का शिवलिंग बनाकर कठोर तप किया और भगवान शिव को पति रूप में पाने का वरदान प्राप्त किया। तभी से इस तृतीया को हरतालिका तीज के रूप में मनाया जाता है।
● व्रत का महत्व
यह व्रत न केवल वैवाहिक जीवन के सुख और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है बल्कि इसे संकल्प शक्ति और आस्था का पर्व भी कहा जाता है। कथा के अनुसार माता पार्वती ने निर्जल उपवास रखकर तपस्या की और अपने दृढ़ संकल्प से भगवान शिव को प्रसन्न किया। इसी कारण आज भी महिलाएं निर्जला रहकर दिन-रात आराधना करती हैं।
● पूजा विधि
हरतालिका पूजन प्रदोषकाल यानी सूर्यास्त के बाद किया जाता है। इस अवसर पर शिव, पार्वती, गणेश और रिद्धि-सिद्धि की प्रतिमाएं रेत अथवा मिट्टी से बनाकर षोडशोपचार पूजन किया जाता है। श्रृंगार सामग्री, बेलपत्र, पुष्प, फल और पंचामृत अर्पित कर विधिवत पूजा होती है। महिलाएं कथा पाठ और रात्रि जागरण करती हैं। प्रातःकाल अंतिम पूजा के बाद सुहागिनें माता गौरी के चढ़े सिंदूर से सुहाग लेती हैं और फिर ककड़ी एवं प्रसाद ग्रहण कर उपवास का पारण करती हैं।
● मुहूर्त और समय
तृतीया तिथि प्रारंभ : 25 अगस्त दोपहर 12:34 बजे
तृतीया तिथि समाप्त : 26 अगस्त दोपहर 01:54 बजे
प्रदोषकाल पूजन : 26 अगस्त शाम 06:15 से 06:41 बजे तक
पारण : 27 अगस्त सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद
● विशेष उपाय
शास्त्रों में हरतालिका तीज के दिन कुछ सरल उपाय बताए गए हैं। विद्वत जन बताते हैं कि चमेली के फूल से शिव पूजन करने से वाहन सुख मिलता है, शमी पत्र अर्पित करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। देवी भागवत के अनुसार केले का भोग लगाने से परिवार में सुख-शांति आती है, वहीं दूध से अभिषेक करने पर सभी प्रकार की समृद्धि मिलती है।
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