
मुंबई।
पुरुषार्थ के चार प्रकार हैं। धर्म (नैतिकता और धार्मिकता), अर्थ (भौतिक समृद्धि और आर्थिक मूल्य), काम (सुख, प्रेम और इच्छाओं की पूर्ति) और मोक्ष (मुक्ति या आध्यात्मिक स्वतंत्रता)। ये चार लक्ष्य मनुष्य के जीवन को आध्यात्मिक और भौतिक दोनों दृष्टियों से पूर्ण और सफल बनाने के लिए बनाए गए हैं। पुरुषार्थ के इन चारों प्रकार का संदेश देते हुए भाईंदर-पूर्व के जय तिरुपति कांप्लेक्स निवासी अंकित सिंह के घर गणपति बाप्पा की स्थापना की गई है।