
अंकारा@तुर्की
तुर्की की राजधानी अंकारा के कनकाया ज़िले में सफाई कर्मचारियों ने समाज को एक अनोखा तोहफ़ा दिया है। कूड़े में फेंकी गई और बेकार समझी जाने वाली किताबों को इकट्ठा करके उन्होंने एक सार्वजनिक पुस्तकालय की स्थापना की।
यह पहल शुरू में कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए थी, लेकिन जब किताबों की संख्या बढ़ी और लोगों की रुचि जगी तो इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया। पुस्तकालय को एक पुराने ईंट-निर्माण कारखाने में बनाया गया, जो पहले लंबे समय से खाली पड़ा था।
शुरुआत में यहाँ करीब 5,000–6,000 किताबें थीं, जिनमें साहित्य, इतिहास, राजनीति और बच्चों की कहानियाँ शामिल थीं। धीरे-धीरे यह संग्रह बढ़ा और यहाँ से स्कूलों, जेलों और शैक्षिक कार्यक्रमों के लिए भी किताबें भेजी जाने लगीं। इतना ही नहीं, एक पुराने कूड़ा ट्रक को मोबाइल लाइब्रेरी में बदलकर बच्चों तक किताबें पहुँचाने की सुविधा भी शुरू की गई।
यह पुस्तकालय केवल किताबों तक सीमित नहीं है। यहाँ एक कैफे, अध्ययन स्थल, कार्यालय और यहाँ तक कि नाई की दुकान भी है। धीरे-धीरे यह जगह एक सामाजिक और सांस्कृतिक केंद्र का रूप ले चुकी है। विश्वसनीय समाचार स्रोतों के अनुसार शुरुआती वर्षों में इसका संग्रह 9,000 से कम ही था।
अंकारा का यह पुस्तकालय दर्शाता है कि थोड़े से प्रयास और सकारात्मक सोच से कचरे में भी ज्ञान और समाजहित की संभावना खोजी जा सकती है। सफाई कर्मचारियों की यह पहल न सिर्फ़ पढ़ने की संस्कृति को जीवित कर रही है बल्कि संसाधनों के सही उपयोग का उत्कृष्ट उदाहरण भी बन चुकी है।
स्रोत: CNN, Anadolu Agency (AA), The Hindu, Daily Sabah, Xinhua, Smithsonian Magazine
कबीले तारीफ