● तारों के जन्म और उनके विकास की अद्भुत कहानी
● गैलेक्सी का नाम है NGC 7456

नई दिल्ली।
अंतरिक्ष की गहराइयों में मौजूद गैलेक्सी NGC 7456 धरती से करीब 5.1 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। नंगी आंखों से यह केवल धुंधला-सा अंडाकार आकार दिखती है। लेकिन खगोलशास्त्रियों के लिए यह गैलेक्सी तारों के जन्म और उनके विकास की अद्भुत कहानी समेटे हुए है।
यह गैलेक्सी क्रेन नक्षत्र (Grus Constellation) में दिखाई देती है। हबल टेलिस्कोप से ली गई तस्वीरों में इसके बीच एक चमकीली पट्टी नज़र आती है, जो अतीत में तारों के निर्माण की गवाही देती है। बाहरी हिस्सों में ढीली-ढाली स्पाइरल आर्म्स फैली हुई हैं, जिनमें गैस, धूल और तारे बिखरे पड़े हैं।
NASA ने हाल ही में एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके तहत इस गैलेक्सी की गैस और धूल का गहराई से अध्ययन किया जा रहा है। इसमें वैज्ञानिकों को ऐसे क्षेत्र दिखे हैं जहाँ नए तारे जन्म ले रहे हैं। यहां हाइड्रोजन गैस के ठंडे और घने बादल मिले हैं, जो मिलकर तारों के निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं।
सिर्फ हबल ही नहीं, बल्कि यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का XMM-Newton सैटेलाइट भी इस गैलेक्सी का अध्ययन कर चुका है। इसमें कई अत्यधिक चमकीले एक्स-रे स्रोत (ULXs) मिले हैं, ये बेहद छोटे लेकिन घने खगोलीय पिंड हैं, जो सामान्य से कहीं अधिक मात्रा में एक्स-रे उत्सर्जित करते हैं।
