- मिस वर्ल्ड ओपल सुजाता का मंदिर प्रेम

नई दिल्ली । मिस वर्ल्ड 2025 का ताज जब थाईलैंड की ओपल सुचाता के सिर पर सजा, तो उन्होंने एक ऐसी इच्छा जाहिर की जिसने भारत-थाईलैंड की सांस्कृतिक कड़ी को फिर से सुर्खियों में ला दिया। विश्व सुंदरी बनने के बाद ओपल ने कहा कि भारत के मंदिर मुझे बहुत आकर्षित करते हैं। हमारी संस्कृति और भारत की परंपराएं एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी हैं।
ओपल की यह बात महज एक व्यक्तिगत भावना नहीं बल्कि उस सांस्कृतिक सेतु की एक झलक है जो सदियों से भारत और थाईलैंड को जोड़ता आया है। बहुत कम लोग जानते हैं कि जिस देश से ओपल आती हैं, वहां भी रामकथा का एक समृद्ध और गहराई से आध्यात्मिक संस्करण मौजूद है जिसे ‘रामकियेन’ कहा जाता है।

‘रामकियेन’ का अर्थ है ‘भगवान राम की गाथा’। यह थाईलैंड का राष्ट्रीय महाकाव्य है, जो भारतीय रामायण, विष्णु पुराण और हनुमान नाटक का एक अनूठा मिश्रण है। यह कथा भारतीय संस्करण से तो प्रेरित है, लेकिन इसकी आत्मा में थाई संस्कृति की गहराई समाई हुई है।
रामकियेन में भगवान राम निर्वाण (सीता) की खोज करते हैं, एक आध्यात्मिक यात्रा के रूप में। रावण, जिसे वहां ‘ओसाकंथ’ कहा गया है, सिर्फ एक खलनायक नहीं बल्कि आत्म-सुधार की राह पर चलने वाला पात्र है। इस संस्करण में बताया गया है कि रावण और उसके भाई अपनी इच्छाओं के जाल में फंसे थे लेकिन अंत में आत्मज्ञान प्राप्त करते हैं। यही विचार रामकियेन को केवल एक युद्ध कथा नहीं बल्कि जीवन की गूढ़ समझ बनाने वाला ग्रंथ बना देता है।
एक और रोचक अंतर यह है कि रामकियेन में रावण को मानव के रूप में चित्रित किया गया है और सीता हरण को उसके प्रेम के दृष्टिकोण से देखा गया है। इसमें रावण के भीतर के द्वंद्व, प्रेम और पश्चाताप को भी सम्मानजनक रूप में दर्शाया गया है, एक ऐसा दृष्टिकोण जो भारतीय रामायण से भिन्न है।
रामकियेन सिर्फ थाईलैंड का एक ग्रंथ नहीं बल्कि उस सांस्कृतिक समन्वय का प्रतीक है जहां भारत की कहानी एक नई भूमि में नए अर्थों के साथ जीती है। ओपल सुचाता की भारत यात्रा की इच्छा इस सांस्कृतिक यात्रा को फिर से जीवंत कर रही है।