■ हाथी पर सवार होकर आई मां दुर्गा क्या फल देंगी?
- मुंबई। शारदीय नवरात्रि 2025 इस बार विशेष खगोलीय संयोगों के साथ आरंभ हो रही है। नवरात्रि के पहले दिन एक साथ पांच शुभ योग बन रहे हैं। इनमें सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग, भद्र राजयोग, चंद्र-मंगल की युति से धन योग, सूर्य, चंद्र और बुध के एकत्र होने से त्रिग्रही योग तथा गुरु और चंद्रमा के केंद्र भाव में होने से गजकेसरी योग शामिल हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इन योगों में मां दुर्गा की उपासना से विशेष शुभ फल प्राप्त होते हैं। मतांतर से कुछ लोग अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना करते हैं। इस नवरात्रि में माता रानी का हाथी पर सवार होकर आना कई शुभ संकेत दे रहा है।

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि की घटस्थापना सोमवार, 22 सितंबर को प्रातः 06 बजकर 09 मिनट से 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगी। यह मुहूर्त 1 घंटे 56 मिनट का होगा। इसके अतिरिक्त अभिजीत मुहूर्त दोपहर से 12.07 से 12.55 बजे तक रहेगा। धार्मिक मान्यता है कि घटस्थापना प्रातःकालीन मुहूर्त में ही करना श्रेष्ठ होता है।
पूजा की विधि और नियम
धार्मिक परंपरा के अनुसार पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध कर स्वच्छ वस्त्र पहनकर कलश स्थापना करनी चाहिए। कलश में रोली, अक्षत, सिक्का, आम के पत्ते और जल रखा जाता है। नारियल को लाल चुनरी से ढककर कलश पर स्थापित किया जाता है। इसके समीप मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित कर अखंड ज्योति प्रज्वलित करनी चाहिए।
नवरात्रि के नौ दिनों में देवी कवच, दुर्गा सप्तशती या अन्य मंत्रों का पाठ करना शुभ माना गया है। सात्विक आहार का पालन करें, प्याज-लहसुन से परहेज करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें। नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने के साथ कन्या पूजन का विशेष महत्व है।

हाथी पर सवार होकर आई हैं मां दुर्गा
देवी पुराण के अनुसार नवरात्रि किस दिन शुरू होती है, उसी आधार पर मां दुर्गा की सवारी मानी जाती है। शास्त्रों में उल्लेख है, ‘शशि सूर्य गजरूढ़ा शनिभौमै तुरंगमे’ यानी रविवार या सोमवार से नवरात्रि आरंभ होने पर माता गज (हाथी) पर सवार होकर आती हैं। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि सोमवार से शुरू हो रही है। मान्यता है कि हाथी पर माता का आगमन शुभ फलदायी होता है। इसे भरपूर वर्षा, उत्तम फसल, स्थिरता और शांति का संकेत माना जाता है। साथ ही, मां दुर्गा भक्तों को सुख, समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
◆ नोट: यह जानकारी ज्योतिषीय गणनाओं, पंचांग और परंपरागत मान्यताओं पर आधारित है। इसकी सटीकता की पुष्टि नहीं की जा सकती। उपयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
