● प्रति कनेक्शन ₹30,000 में लगेगा सेटअप, ₹3300 का बिल हर माह, हमेशा नेटवर्क बना रहेगा

● नई दिल्ली। भारत का इंटरनेट बाजार आने वाले दिनों में एक बड़े बदलाव का गवाह बनने जा रहा है। एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक (Starlink) को भारत में कामकाज शुरू करने की लगभग सभी मंजूरी मिल चुकी है। अब कंपनी जल्द ही अपनी सेवाएं शुरू करने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि स्टारलिंक के आने से न सिर्फ इंटरनेट उपभोक्ताओं को नई सुविधा मिलेगी बल्कि इंटरनेट प्रदाताओं के बीच प्रतिस्पर्धा भी और तेज हो जाएगी।
क्या है स्टारलिंक?
स्टारलिंक, एलन मस्क की अंतरिक्ष अनुसंधान कंपनी स्पेसएक्स का एक प्रोजेक्ट है। इसका उद्देश्य उपग्रहों के माध्यम से दुनिया के उन कोनों तक इंटरनेट पहुँचाना है, जहाँ अब तक नेटवर्क की सुविधा सीमित या बिल्कुल भी उपलब्ध नहीं है। भारत जैसे विशाल देश में, जहाँ ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्रों में इंटरनेट की समस्या बनी रहती है, स्टारलिंक एक कारगर विकल्प साबित हो सकता है।
कीमत और योजनाएं
सूत्रों की मानें तो स्टारलिंक सेवा के लिए ग्राहकों को करीब ₹30,000 या उससे अधिक का एकमुश्त सेटअप शुल्क देना होगा। इसके अलावा, मासिक योजनाओं की शुरुआत लगभग ₹3,300 से होगी। हालांकि, बताया जा रहा है कि इनकी कीमतें विभिन्न क्षेत्रों के हिसाब से बदल सकती हैं।
भारत सरकार उपग्रह इंटरनेट सेवाओं को लेकर सावधानी से आगे बढ़ रही है। दूरसंचार मंत्रालय ने स्टारलिंक समेत अन्य सैटेलाइट इंटरनेट कंपनियों को लाइसेंसिंग और नियामकीय मंजूरियां देने की प्रक्रिया तेज कर दी है। सरकार का मानना है कि इस तरह की सेवाएं डिजिटल इंडिया मिशन को नई गति दे सकती हैं। हालांकि, सरकार सुरक्षा और डेटा गोपनीयता जैसे पहलुओं पर भी कड़ा रुख अपनाए हुए है।
स्टारलिंक के आने की खबर ने भारत की प्रमुख इंटरनेट और टेलीकॉम कंपनियों की चिंता बढ़ा दी है। जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया जैसी कंपनियां पहले से ही ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में लगी हैं। ऐसे में उपग्रह इंटरनेट के रूप में मिलने वाली नई चुनौती उन्हें अपने इंफ्रास्ट्रक्चर और सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए मजबूर कर सकती है।
संभावित असर
स्टारलिंक के आने से भारत में इंटरनेट सेवाओं का विस्तार और प्रतिस्पर्धा दोनों बढ़ेंगे। ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी बेहतर होगी, वहीं शहरी इलाकों में उपभोक्ताओं को एक नया विकल्प मिलेगा। हालांकि, इसकी ऊंची कीमत इसे फिलहाल एक प्रीमियम सेवा के तौर पर ही स्थापित कर सकती है।
स्टारलिंक की लॉन्चिंग भारत में इंटरनेट सेवाओं के नए दौर की शुरुआत मानी जा रही है। यह न केवल डिजिटल खाई को पाटने में मदद करेगा बल्कि मौजूदा कंपनियों को भी अपनी सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने की प्रेरणा देगा। सरकार की सकारात्मक भूमिका और कंपनियों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा के साथ, उपभोक्ताओं को बेहतर विकल्प मिलने की पूरी उम्मीद है।
