
मुंबई। विलेपार्ले पश्चिम स्थित संन्यास आश्रम में सद्गुरु अनंत विभूषित नारायण महाप्रभु की जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में नारायण भक्त मंडल द्वारा मानस मुक्ता पूज्या यशुमति जी के व्यासत्व में रामकथा का आयोजन किया गया।
कथा व्यास ने संसार में निरंतर चल रही रामकथा का मूल कारण बताते हुए कहा कि संसार में घूम-घूम कर कथा गायन की परंपरा इसलिए हो गई है क्योंकि अष्ट चिरंजीवी हनुमानजी हर रामकथा में श्रवण हेतु उपस्थित रहते हैं। यदि कथाएं बंद हो जाएंगी तो हनुमानजी धरती छोड़कर चले जाएंगे। द्वापर युग में भी भगवान कृष्ण ने हनुमानजी के सत्संग भाव को ध्यान में रखते हुए युद्धभूमि में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया।
उन्होंने भगवान शिव के मानस को नव रसों से परिपूर्ण बताते हुए इस रामरस की धारा को लोककल्याणकारी कहा। भगवान शिव के गृहस्थ जीवन को स्मरण कर उन्होंने कहा कि भगवान शिव सबसे बड़े गृहस्थ होने के साथ ही सबसे बड़े संन्यासी भी हैं। भोलेनाथ का जीवन यह संदेश देता है कि गृहस्थ जीवन के कर्तव्यों से मुक्त होकर अंततः भगवत कार्यों में युक्त होना चाहिए।
यशुमति जी ने कहा कि मनुस्मृति को न समझने वालों का दुर्भाग्य है, जो नासमझी में उसकी निंदा करते हैं। मनु-सतरूपा के तप, श्रद्धा और विश्वास का इतना बड़ा प्रभाव था कि भगवान को उनकी गोद में प्रकट होने के लिए विवश होना पड़ा। जीवन में बड़ी उपलब्धि के लिए प्रतीक्षा, प्रार्थना और विश्वास का होना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि जीवन में गुरु की अवहेलना करने वाला विनाश को प्राप्त होता है, फिर चाहे वह रावण हो या सती।
कथा प्रवाह के बीच यशुमति जी ने अयोध्या प्रवेश का प्रसंग सुनाया। चक्रवर्ती दशरथ जी के यहां भगवान श्रीराम के प्राकट्य का सुंदर वर्णन कर राम जन्मोत्सव पर बधाई गीत प्रस्तुत किए गए, जिससे उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। इसके बाद विश्वामित्र के आगमन का प्रसंग आया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि परमात्मा की प्राप्ति के लिए ब्राह्मणत्व अनिवार्य नहीं है।
कथा व्यास ने यह भी कहा कि अयोध्या दर्शन से पूर्व सरयू स्नान करना चाहिए क्योंकि सरयू जी साक्षात सीताराम के स्वरूप की अविरल धारा हैं।
इस अवसर पर नारायण भक्त श्रीकांत जोशी, सद्गुरु फाउंडेशन ट्रस्ट के चेयरमैन गणेश अग्रवाल, निर्माण भाई, राजेश पोद्दार, अंशुल वर्मा, भारती बेन, भूमिका वर्मा, अनुसूया, कैलाश शर्मा, राजेश सिंह, सचिन, सौम्या सिंह, भजन गायिका सरला मीरचंदानी, मंजू शुक्ला तथा हम रामजी के रामजी हमारे हैं सेवा ट्रस्ट, मुंबई के सहसचिव दिनेशप्रताप सिंह सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
