● 31 अक्तूबर तक खादी उत्पादों पर 20 प्रतिशत की छूट
● प्रधानमंत्री मोदी के ‘हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी’ संदेश से प्रेरित

मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी’ दृष्टिकोण को साकार करते हुए खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने 8 अक्तूबर को मुंबई स्थित अपने मुख्यालय परिसर में ‘खादी फेस्ट-2025’ का भव्य शुभारंभ किया। इस महोत्सव का उद्घाटन केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने किया। यह आयोजन 31 अक्तूबर तक चलेगा। इस अवसर पर खादी उत्पादों पर 20 प्रतिशत और ग्रामोद्योग उत्पादों पर 10 प्रतिशत की विशेष छूट दी गई है।
खादी फेस्ट-2025 का उद्देश्य प्रधानमंत्री मोदी के ‘गर्व से कहो यह स्वदेशी है’ संदेश को जन-जन तक पहुंचाना और लोगों को स्वदेशी उत्पाद अपनाने के लिए प्रेरित करना है। इस आयोजन में 75 स्टॉलों पर देशभर से 86 प्रतिभागी इकाइयां शामिल हुई हैं, जिनमें 38 खादी संस्थाएं, 41 पीएमईजीपी इकाइयां, 4 स्फूर्ति क्लस्टर और 3 ग्रामोद्योग इकाइयां अपने उत्पाद प्रदर्शित कर रही हैं।
प्रदर्शनी में देश के विविध राज्यों की पारंपरिक कला और संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है। पश्चिम बंगाल की खादी सिल्क, गुजरात की पाटोला, कर्नाटक व ओडिशा की सिल्क खादी, तमिलनाडु की कांचीवरम, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सूती खादी, महाराष्ट्र की सिल्क फैब्रिक, राजस्थान की मिट्टी कला, पुणे का शहद, मुंबई के लेदर प्रोडक्ट्स तथा दिल्ली और बेंगलुरु की अगरबत्ती और आयुर्वेदिक उत्पाद विशेष आकर्षण का केंद्र हैं।

उद्घाटन समारोह में केवीआईसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुश्री रूपराशि, वरिष्ठ अधिकारी, कारीगर और उद्यमी उपस्थित रहे। इस अवसर पर अध्यक्ष मनोज कुमार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन करते हुए कहा कि पूज्य बापू ने खादी को आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनाया और प्रधानमंत्री मोदी ने इसे घर-घर पहुंचाकर ‘स्वदेशी से समृद्धि’ का माध्यम बना दिया।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ अभियानों से खादी-ग्रामोद्योग का उत्पादन 27 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1.16 लाख करोड़ रुपये तक और बिक्री 33 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1.7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। पीएमईजीपी के तहत अब तक 10 लाख से अधिक परियोजनाएं स्थापित होकर 90 लाख से अधिक रोजगार सृजित कर चुकी हैं।
कुमार ने कहा, ‘सेवा और स्वदेशी ही नए भारत की ताकत हैं, और यही विकसित भारत @2047 की आधारशिला है।’ उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे अपने जीवन में स्वदेशी वस्त्र और उत्पादों को अपनाकर इस अभियान को जनांदोलन बनाएं।
