
वाशिंगटन (अमेरिका)।
धरती पर सबसे लंबा जीवन जीने वाला पेड़ खोज लिया गया है। ग्रेट बेसिन ब्रिस्टलकोन पाइन नामक यह पेड़ 5,000 वर्ष से अधिक पुराना माना जा रहा है। यह प्रजाति अमेरिका के कैलिफोर्निया, नेवाडा और यूटा की कठोर जलवायु में पाई जाती है।
ब्रिस्टलकोन पाइन की असाधारण दीर्घायु का राज इसकी धीमी वृद्धि, घनी लकड़ी और अत्यधिक ठंडे वातावरण में जीवन है। इसकी लकड़ी इतनी सघन होती है कि कीट, फफूंदी, सड़न और मौसम के प्रभावों से यह सुरक्षित रहती है। जंगलों की आग भी आमतौर पर इस पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचा पाती क्योंकि यह वनस्पति विरल क्षेत्रों में उगता है।
यह पेड़ अधिकतम 50 फीट की ऊंचाई और 154 इंच तक तने की मोटाई पा सकता है। इसकी सुइयां लगभग 30 वर्षों तक जीवित रहती हैं, जिससे यह नया विकास करने में ऊर्जा की बचत करता है। इसके शंकु को पकने में दो वर्ष लगते हैं, जो इसे अन्य शंकुधारी प्रजातियों से अलग करता है।
पेड़ की उम्र का निर्धारण डेंड्रोक्रोनोलॉजी के माध्यम से किया गया है। वैज्ञानिकों ने इंक्रीमेंट बोरर नामक उपकरण से बिना पेड़ को काटे उसका एक छोटा नमूना निकाला, जिसमें उसके सभी वृत्तछल्ले दिखे। इसी तकनीक से ब्रिस्टलकोन पाइन की ऐतिहासिक उम्र की पुष्टि हुई।
इसके अलावा एक और पेड़ को दीर्घजीवी बताया जाता है। पुराना टीजिक्को विश्व के ज्ञात पेड़ों में से सबसे पुराने पेड़ों में से एक माना जाता है। वैज्ञानिकों ने स्वीडन के डलारना प्रांत में दुनिया में सर्वाधिक समय तक जीवित रहने वाले यानी 9,550 वर्ष पुराने वृक्ष की खोज की है। वृक्षों की खोज से जुड़े यूमिया विश्वविद्यालय के लीफ कुलमैन ने बताया, ‘इस पेड़ ने हमारी पुरानी मान्यताओं को गलत साबित कर दिया है।’
यह खोजें न केवल प्रकृति की सहनशक्ति को रेखांकित करती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि जीवन की लय जितनी धीमी और संतुलित होगी, वह उतना ही स्थायी हो सकता है।