◆ 26 जनवरी को हो सकता ऐतिहासिक ऐलान

● नई दिल्ली । केंद्र सरकार माओवाद मुक्त भारत की घोषणा जल्द कर सकती है। संभवत: 26 जनवरी 2026 को। सुरक्षा एजेंसियां व्यापक समर्पण और कार्रवाई के बाद यह लक्ष्य जल्द पूरा करने में जुटी हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आधिकारिक तौर पर 31 मार्च 2026 की समयसीमा तय की थी पर हाल की घटनाओं से घोषणा पहले भी हो सकती है।
उत्तर बस्तर व अबूझमाड़ के मुक्त घोषित होने के बाद केवल तीन जिले बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा अत्यधिक प्रभावित बचे हैं। दंतेवाड़ा, गरियाबंद, कांकेर व मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी माओवादी गतिविधि में कम प्रभावित शुमार किए गए हैं। राज्य सीमा से बाहर झारखंड (पश्चिमी सिंहभूम), मध्यप्रदेश (बालाघाट), महाराष्ट्र (गढ़चिरौली) और ओडिशा (कंधमाल) के एक-एक जिला अभी शेष हैं।
आत्मसमर्पण कर रहे कैडरों को संविधान के प्रति भरोसा दिलाने के लिए संविधान की प्रति थमाई जा रही है। सुरक्षा बल अब शेष जिलों में खास कर खुफिया एकत्रीकरण और लक्षित अभियानों पर ध्यान दे रहे हैं।
नेतृत्व क्षति माओवादियों के लिए निर्णायक साबित हो रही है। गढ़चिरौली में वेणुगोपाल उर्फ भूपति के समर्पण के बाद पोलित ब्यूरो में केवल कुछ नामशेष शेष हैं, थिप्परी तिरूपति उर्फ देवजी, एम लक्ष्मण राव उर्फ गणपति और मिसिर बेसरा। बटालियन जैसी बड़ी सैन्य इकाई अभी भी सक्रिय मानी जाती है; इसके पास लगभग 300 ऑटोमैटिक हथियारों से लैस कैडर बताए जाते हैं।
आंकड़े व खुफिया सूचनाओं के अनुसार बचे नेता बटालियन के संरक्षण में हैं और संभवतः छत्तीसगढ़–तेलंगाना सीमा के इलाकों में छिपे हुए हैं। इन्हें ढूंढना और खत्म करना सुरक्षा बलों की प्राथमिकता है; इसमें सफलता मिलने पर बाकी कैडर भी सामूहिक समर्पण कर सकते हैं।
