■ राजन महाराज के व्यासत्व में हुई रामकथा

प्रतापगढ़ (कुंडा)। परानूपुर में लोकप्रिय विधायक कुँवर रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) के संरक्षण और आनंद पांडे के संकल्प से पूज्य राजन महाराज के व्यासत्व में आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा में कथा श्रवण हेतु पहुँचे राजा भैया ने व्यासपीठ को नमन कर पूज्य राजन महाराज का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
कथा के पश्चात जनसमुदाय को संबोधित करते हुए राजा भैया ने कहा कि “सनातन धर्म पर मंडरा रहे खतरों के बावजूद हिन्दू समाज मौन है।” उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजनों चाहे दुर्गा पूजा हों या हनुमान जन्मोत्सव पर लगातार हमले हो रहे हैं। दक्षिण के नेता स्टालिन सनातन मिटाने की बात करते हैं और ओवैसी के भाई खुलेआम धमकियाँ देते हैं पर इन पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं होती, उलटे उनकी पार्टियाँ चुनाव लड़ रही हैं।
राजा भैया ने कश्मीर से लाखों कश्मीरी ब्राह्मणों के पलायन को भारत की विडंबना बताते हुए कहा कि परमाणु शक्ति और तीनों सेनाओं से सुसज्जित देश में अपने ही लोग विस्थापित हैं। उन्होंने कहा, “धर्म की जय और अधर्म के नाश का जयघोष केवल बोलने से नहीं होगा। इसके लिए हमें अस्त्र-शस्त्र से सुसज्जित होकर अधर्म का प्रतिकार करना होगा।”

उन्होंने कहा कि हमारे देवी-देवता शस्त्रधारी हैं, जो यह संदेश देते हैं कि दुष्टों के संहार के लिए शस्त्र भी आवश्यक हैं। तुलसीदास जी का स्मरण करते हुए राजा भैया ने कहा कि “रामचरितमानस” जैसी रचना अकबर के शासनकाल में करना अत्यंत साहस का कार्य था। तुलसीदास जी ने अकबर की जागीर का प्रस्ताव ठुकराकर धर्म की निष्ठा से सेवा की, जबकि कुछ हिंदुओं ने लोभवश धर्म परिवर्तन कर लिया।
राजा भैया ने कहा कि यदि हम अब भी मौन रहे तो ऐसे भव्य धार्मिक आयोजन भविष्य में कठिन हो जाएंगे। उन्होंने कहा, “भगवान श्रीराम ने वनगमन के समय सर्वस्व त्याग दिया पर धनुष-बाण का नहीं। यही संदेश हमें भी अपनाना होगा।”
हनुमान जी को स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि वे आज भी रामत्व की जय यात्रा के प्रेरणास्रोत हैं। अंत में राजा भैया ने आयोजक आनंद पांडे और उनकी टीम को सफल आयोजन के लिए धन्यवाद और शुभकामनाएँ दीं।
