■ भाईंदर में 8 नवंबर तक चलेगी भागवत कथा

● भाईंदर।
श्रद्धेय शांतिदूत पूज्य देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने आज यहां भाईंदर में चल रही भागवत कथा के दौरान भारी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को पूज्य निंबार्काचार्य एवं गुरु नानकदेव के प्राकट्य दिवस पर शुभकामनाएं दीं और उनके आदर्श विचारों को अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने गुरु नानकदेव जी के वचन दोहराए कि अच्छे कर्म करो, धन का संग्रह मत करो क्योंकि धन का लोभ मनुष्य को पाप की ओर ले जाता है। गुरु नानकदेवजी सदा कहा करते थे, “नाम जप करो, कलियुग में केवल नाम ही वह साधन है जो तुम्हारा कल्याण कर सकता है।” भाईंदर में 8 नवंबर तक हो रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर ने उक्त उपदेश दिए।

महाराज जी ने आगे कहा कि सत्य के मार्ग पर चलो और अपने जीवन को सेवा और भक्ति के रंगों से सजाओ। इस भव्य भागवत महापुराण कथा में बुधवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया गया। पूरा कथा पंडाल रंग-बिरंगे फूलों, दीपों और सजावट से जगमगा उठा। पूज्य महाराजश्री के भजनों पर पूरा पंडाल भक्ति में झूम उठा। भक्तों के चेहरे पर भक्ति और आनंद की छटा बिखर गई, और हर दिशा में “जय श्रीकृष्णा” के जयकारे गूंज उठे।

अपने प्रवचन में ठाकुरजी ने कहा कि हमारे पास चाहे कितना भी धन क्यों न हो, लेकिन यदि हमारी संतान संस्कारी नहीं है तो हमारा जीवन कभी शांत नहीं रह सकता। जब संतान धर्मपरायण, आदर्शवादी और अच्छे संस्कारों वाली होती है, तभी घर में शांति और आनंद बना रहता है। हम अपनी संतान को कथा श्रवण कराएँ, उन्हें श्रीमद्भागवत, रामायण और श्रीमद्भगवद्गीता का अध्ययन करवाएँ। यही ग्रंथ हमारे बच्चों के भीतर धर्म, संस्कार और चरित्र की नींव रखते हैं। हमें अपनी संतान को यह समझाना चाहिए कि वे विधर्मियों से सावधान रहें, किसी के बहकावे में न आएं और सदा अपने धर्म, अपनी संस्कृति तथा अपने आदर्शों के प्रति दृढ़ रहें। धर्म से ही जीवन की दिशा बनती है और भक्ति से ही उसका उद्देश्य पूर्ण होता है।
पूज्य देवकीनंदन ठाकुजी के श्रीमुख से श्रीभागवत कथा भाईंदर पूर्व में इंद्रलोक फेज 3 स्थित बालासाहेब ठाकरे मैदान में 9 नवंबर तक जारी रहेगी।
