
● समालखा ।
78वें निरंकारी संत समागम के समापन उपरांत समालखा के उन्हीं मैदानों में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी की पावन उपस्थिति में सादगीपूर्ण निरंकारी सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नवविवाहित युगलों ने परिणय सूत्र में बंधकर अपने नवजीवन की मंगलमय शुरुआत हेतु सतगुरु से आशीर्वाद प्राप्त किया। यह समारोह अत्यंत अनुपम और प्रेरणादायी रहा, जहाँ भारत के विभिन्न राज्यों बिहार, चंडीगढ़, दिल्ली, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड सहित ऑस्ट्रेलिया और कनाडा से 126 नवयुगल सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर 126 वर-वधू एक ही मंच से एकत्व और सरलता का सुंदर संदेश देते हुए परिणय सूत्र में बंधे। समारोह में मिशन के वरिष्ठ अधिकारी, वर-वधू के परिजन तथा श्रद्धालु भक्तगण उपस्थित रहे और इस दिव्य दृश्य का आनंद लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक जयमाला एवं निरंकारी परंपरा के विशेष सांझा-हार से हुआ। तत्पश्चात भक्तिमय वातावरण में निरंकारी लावों का हिंदी में भावपूर्ण गायन किया गया, जिनकी प्रत्येक पंक्ति नवविवाहित युगलों के लिए आध्यात्मिक संदेशों और गृहस्थ जीवन की कल्याणकारी शिक्षाओं से ओत-प्रोत थी। आयोजन के दौरान सतगुरु माता जी एवं निरंकारी राजपिता जी ने पुष्पवृष्टि कर नवविवाहित जोड़ों को सुखमय, आनंदमय और समर्पणमय जीवन का आशीर्वाद प्रदान किया।
सतगुरु माता जी ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि विवाह जीवन का केवल एक दिन का उत्सव नहीं बल्कि प्रेम, सम्मान और सहयोग से भरे पवित्र मिलन का प्रतीक है। यह बराबरी और साझेदारी का संदेश देता है। यदि आध्यात्मिक प्रयास में किसी का योगदान कम हो, तो दूसरा उसे प्रोत्साहित करे, जिससे जीवन की यात्रा संतुलन और सामंजस्य के साथ आगे बढ़े।

माता जी ने कहा कि विवाह केवल दो व्यक्तियों का नहीं बल्कि दो परिवारों का पवित्र संगम है, जिसमें सेवा, सत्संग, सुमिरण और भक्ति के मूल्य समाहित हैं। अंत में उन्होंने नवविवाहितों के उज्ज्वल वैवाहिक जीवन के लिए मंगलकामना की कि निरंकार प्रभु की कृपा सभी पर बनी रहे और यह पवित्र मिलन सदा प्रेम, आनंद और सौहार्द का प्रतीक बना रहे।
संत निरंकारी मंडल के सचिव जोगिंदर सुखीजा ने बताया कि समाज कल्याण विभाग के सहयोग से इस वर्ष 126 जोड़े भारत के विभिन्न राज्यों और विदेशों से सम्मिलित हुए।
