● वर्ल्ड एस्टेरॉयड डे आज

नई दिल्ली।
30 जून 1908 को रूस के साइबेरिया में एक विशाल धमाका हुआ, जिससे करीब 2,000 वर्ग किलोमीटर का जंगल तबाह हो गया। यह धमाका हिरोशिमा परमाणु बम से 185 गुना अधिक शक्तिशाली था। वैज्ञानिकों के अनुसार यह एक एस्टेरॉयड के टकराने की घटना थी जिसे तुंगुस्का इवेंट कहा जाता है।
इस तबाही के 19 साल बाद 1927 में पहली वैज्ञानिक टीम उस स्थान पर पहुंच सकी। वहां अब भी एस्टेरॉयड की तबाही के सबूत मौजूद हैं। इसी ऐतिहासिक घटना की याद में हर साल 30 जून को ‘वर्ल्ड एस्टेरॉयड डे’ मनाया जाता है, जिसे 2016 में संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक मान्यता दी।
इस दिन का उद्देश्य लोगों को एस्टेरॉयड के खतरे और ग्रह की सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है। इस वर्ष वर्ल्ड एस्टेरॉयड डे की 10वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है।
वहीं, साल 2029 को संयुक्त राष्ट्र ने क्षुद्रग्रह जागरूकता और ग्रह रक्षा का अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है। इस साल ‘अपोफिस’ नामक एक विशाल एस्टेरॉयड पृथ्वी से मात्र 32,000 किमी की दूरी से गुजरेगा जो कई सैटेलाइट की कक्षा से भी कम है। यूरोप, अफ्रीका और पश्चिम एशिया के लोग इसे नंगी आंखों से देख सकेंगे।