
नई दिल्ली।
भारत के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण उपलब्धि सामने आई है। यूनेस्को ने ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप’ को अपनी विश्व धरोहर सूची में शामिल कर लिया है। यह निर्णय पेरिस में आयोजित विश्व धरोहर समिति (WHC) के 47वें सत्र में लिया गया।
यूनेस्को ने सोशल मीडिया पर इसकी औपचारिक घोषणा करते हुए बताया कि यह सैन्य लैंडस्केप मराठा शासनकाल के दौरान रणनीतिक दृष्टि से विकसित किया गया था और यह भारत के गौरवशाली सैन्य इतिहास का प्रतीक है।
इस मान्यता के अंतर्गत कुल 12 किलों को शामिल किया गया है, जिनमें महाराष्ट्र के साल्हेर, शिवनेरी, लोहगढ़, खंडेरी, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला, विजयदुर्ग और सिंधुदुर्ग के साथ-साथ तमिलनाडु का जिंजी किला भी शामिल है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस उपलब्धि को राष्ट्र के लिए अत्यंत गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा, ‘यूनेस्को द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़े 12 किलों को वर्ल्ड हेरिटेज में स्थान दिया जाना, हिंदवी स्वराज की विरासत का वैश्विक सम्मान है। कुछ ही दिन पहले रायगढ़ किले पर जाकर इस गौरवशाली इतिहास का अनुभव करने का सौभाग्य मिला था।’
उन्होंने आगे कहा कि ये किले न केवल मराठा सैन्य कौशल के प्रतीक हैं बल्कि भारतीय संस्कृति, भाषा और स्वाभिमान की स्थायी प्रेरणा भी हैं।