
बोगोटा। जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि सामने आई है। कोलंबिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. क्लॉस लैकिनर और उनकी टीम ने ऐसे ‘कृत्रिम पेड़’ विकसित किए हैं, जो वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) को प्राकृतिक पेड़ों की तुलना में सैकड़ों गुना अधिक तेजी से अवशोषित कर सकते हैं।
इन यांत्रिक पेड़ों की खास बात यह है कि ये किसी विद्युत ऊर्जा के बिना, केवल हवा में मौजूद नमी और स्मार्ट रसायनों की मदद से CO₂ को पकड़ते हैं और फिर पुनः प्रयोग या संग्रहण के लिए मुक्त करते हैं। यह प्रक्रिया ‘डायरेक्ट एयर कैप्चर (DAC)’ तकनीक का हिस्सा है, जो तेजी से विकसित हो रही है और कई स्टार्टअप इसे व्यावसायिक रूप से लागू कर रहे हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार एक कृत्रिम पेड़ हजारों प्राकृतिक पेड़ों के बराबर CO₂ अवशोषण कर सकता है, वह भी बिना जमीन, जल या लंबी वृद्धि अवधि की आवश्यकता के। ये उपकरण शहरी क्षेत्रों से लेकर रेगिस्तानों तक लगाए जा सकते हैं और भविष्य में ‘कार्बन फार्म्स’ का रूप ले सकते हैं।
हालांकि इनकी कार्यक्षमता विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों में अलग-अलग हो सकती है लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि यह तकनीक जलवायु संकट से निपटने के लिए एक बेहद प्रभावशाली साधन बन सकती है।