
छतरपुर, मध्यप्रदेश।
तेज बारिश के बाद उफनती उर्मिल नदी में एक व्यक्ति अपने मवेशियों के साथ टापू पर फंस गया। लेकिन आधुनिक तकनीक और स्थानीय प्रशासन की सूझबूझ ने इस संकट को टाल दिया। ड्रोन की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और आखिरकार उस व्यक्ति को उसकी बकरियों समेत सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
यह घटना लवकुशनगर थाना क्षेत्र के हंसपुरा गांव की है, जहां मलखान पटेल नामक व्यक्ति शुक्रवार को बकरियों के साथ खेत पर गया था। वह वहीं विश्राम कर रहा था, तभी उर्मिल नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया और मलखान चारों ओर से पानी से घिर गया। उसने रात में ही मोबाइल से पुलिस को सूचना दी।
सुबह पुलिस टीम मौके पर पहुंची। नाव वालों ने मना कर दिया और एसडीईआरएफ दूसरी जगह व्यस्त थी, ऐसे में गांव वालों और पुलिस ने मिलकर ड्रोन के जरिए करीब 500 मीटर लंबी पतली रस्सी टापू तक पहुंचाई। फिर उसी के सहारे एक मजबूत रस्सी भेजी गई, जिसके दोनों सिरों को पेड़ों से बांध दिया गया। इसके बाद पुलिसकर्मी टापू तक पहुंचे और मलखान को उसकी छह बकरियों के साथ सुरक्षित बाहर ले आए।
डैम के गेट बिना सूचना खोले, बनी मुसीबत
थाना प्रभारी अजय अम्मी ने बताया कि सिंहपुर डैम के 12 गेट बिना चेतावनी के खोल दिए गए, जिससे नदी का बहाव खतरनाक हो गया। मलखान खेत में सो रहा था और पास ही ऊंचे स्थान पर उसकी बकरियां बंधी थीं। जलप्रलय जैसी स्थिति में ड्रोन रेस्क्यू ही एकमात्र उपाय बनकर सामने आया।