
मुंबई।
चित्रनगरी संवाद मंच, मुंबई की ओर से रविवार 27 जुलाई 2025 को मृणालताई हाल, केशव गोरे स्मारक ट्रस्ट, गोरेगांव में आयोजित कार्यक्रम में प्रेमचंद की कहानी ‘विमाता’ का मंचन अभिनेता सोनू पाहूजा ने और ‘बड़े भाई साहब का मंचन झारखंड के रंगकर्मी दिनकर शर्मा ने किया। दोनों अभिनेताओं की तैयारी बहुत अच्छी थी। उनके इस नायाब प्रदर्शन पर कई बार तालियां बजीं।कार्यक्रम की शुरुआत में संयोजक देवमणि पांडेय ने प्रेमचंद के रचनात्मक योगदान का और मुंबई में उनके सिने प्रवास का ज़िक्र किया।

चार्ली चैपलिन ने कहा था कि मुझे बरसात का मौसम सबसे अच्छा लगता है। बारिश में जब मैं रोता हूं तो किसी को मेरे आंसू नहीं दिखाई देते। इस कथन के हवाले से जाने-माने संगीत समालोचक रविराज प्रणामी ने सिने संगीत पर एक अद्भुत संवाद पेश किया- ‘रिमझिम के तराने।’ उन्होंने कई लोकप्रिय गीतों के हवाले से बताया कि कैसे कई फ़िल्मों की कामयाबी में बारिश के गीतों का ज़बरदस्त योगदान रहा। उन्होंने यह भी बताया कि बारिश के गीतों को विभिन्न शास्त्रीय रागों में ढालकर उन्हें कैसे बेमिसाल बनाया जाता है।

राजगढ़ (मध्य प्रदेश) से पधारे अतिथि कवि कमलेश श्रीवास्तव ने अपनी चुनिंदा ग़ज़लों का पाठ किया। उनकी ग़ज़लों में निहित नवीनता और ताज़गी ने श्रोताओं को काफ़ी प्रभावित किया। शायर सिने गीतकार नवाब आरज़ू ने कई उम्दा कलाम सुना कर कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की। विक्रांत तिवारी राणा, उदय दिवाकर पांडेय, हेमंत शर्मा, नीतू पांडेय क्रांति, रीमा राय सिंह, गुलशन मदान, क़मर हाजीपुरी और रविराज प्रणामी ने इस सिलसिले को आगे बढ़ाया। कवयित्री कुसुम तिवारी के मधुर गीत से कार्यक्रम का समापन हुआ।