● मां की ममता ने दी मौत को मात

अहमदाबाद।
12 जून को अहमदाबाद में एअर इंडिया की फ्लाइट IC171 बीजे मेडिकल कॉलेज की रिहायशी इमारत पर गिर गई। हादसे के वक्त मनीषा कच्छाडिया अपने 8 महीने के बेटे ध्यान्श के साथ वहीं थीं। जलते मलबे और घने धुएं के बीच मनीषा ने अपने शरीर से बेटे को ढक लिया, खुद झुलस गईं लेकिन बेटे को बचा लिया।
ध्यान्श हादसे का सबसे छोटा सर्वाइवर बना। दोनों बुरी तरह झुलसे लेकिन मां ने बेटे की स्किन ग्राफ्टिंग के लिए अपनी त्वचा भी दान की। मनीषा के चेहरे और हाथों पर 25 प्रतिशत और बेटे के शरीर पर 36 प्रतिशत जलन हुई।
पिता कपिल कच्छाडिया, जो बीजे मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर हैं, बेटे के इलाज में रात-दिन साथ रहे। डॉक्टरों ने बताया कि कपिल हर रात बेटे की ड्रेसिंग में मदद करते थे। ध्यान्श को वेंटिलेटर, खून चढ़ाना और छाती में ट्यूब जैसी जटिल चिकित्सा प्रक्रिया से गुजरना पड़ा।
पांच हफ्तों के इलाज के बाद मां-बेटा स्वस्थ होकर घर लौटे। मनीषा की ममता ने आग, धुएं और मौत तक को हरा दिया।