
वाराणसी।
पूर्वांचल में एक बार फिर नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, जिससे तटवर्ती इलाकों में चिंता का माहौल बन गया है। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश का असर अब मैदानी नदियों पर भी दिखने लगा है। गंगा, यमुना और सरयू समेत कई प्रमुख नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे वाराणसी, बलिया, मऊ, गाजीपुर, आजमगढ़, मीरजापुर, भदोही और चंदौली सहित कई जिलों में प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है।
बलिया में गंगा का जलस्तर प्रति घंटे तीन सेंटीमीटर की गति से बढ़ रहा है। मंगलवार दोपहर दो बजे तक गायघाट केंद्र पर जलस्तर 57.360 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 57.615 मीटर से अब महज 25.5 सेंटीमीटर नीचे है। लगातार हो रही बारिश को देखते हुए जलस्तर जल्द ही खतरे के बिंदु को पार कर सकता है।
इसी तरह वाराणसी में भी गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है। रविवार रात से शुरू हुई वृद्धि सोमवार सुबह तक 33 सेंटीमीटर तक पहुंच गई थी, औसतन दिन में तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ती रही। मंगलवार दोपहर तक जलस्तर 67.69 मीटर तक पहुंच गया था, जिससे घाटों की दो सीढ़ियां जलमग्न हो गई। प्रशासन ने स्नान स्थलों पर बैरिकेडिंग कर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी है।
मऊ, आजमगढ़ और बलिया में सरयू नदी भी उफान पर है, जिससे खेतों में पानी भरने और फसल डूबने की आशंका किसानों के सामने आ खड़ी हुई है। इस आपदा की आशंका को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ से निपटने की तैयारियां तेज कर दी हैं।
हालांकि स्थिति चुनौतीपूर्ण है लेकिन प्रशासन की सजगता और जनता की सतर्कता से हर आपदा से निपटने का दावा प्रशासन ने किया है।