◆ TikTok, Instagram Reels और YouTube Shorts से तेजी से बढ़ती डोपामाइन रिलीज से ध्यान, प्रेरणा और भावनात्मक संतुलन पर असर

नई दिल्ली।
हाल ही में प्रकाशित न्यूरोसाइंस के शोध से पता चला है कि TikTok, Instagram Reels, और YouTube Shorts जैसे शॉर्ट वीडियो प्लेटफ़ॉर्म्स तेज़ रफ्तार और लगातार बदलती सामग्री के कारण मस्तिष्क के रिवॉर्ड सिस्टम को अधिक मात्रा में सक्रिय कर सकते हैं। इस शोध के अनुसार, इन प्लेटफ़ॉर्म्स द्वारा प्रदत्त सामग्री की तीव्रता डोपामाइन के अत्यधिक स्तर के उत्पादन को प्रेरित कर सकती है, जिससे ध्यान, प्रेरणा और भावनात्मक संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
मस्तिष्क में डोपामाइन का रोल
न्यूरोसाइंस के विशेषज्ञों का मानना है कि डोपामाइन मस्तिष्क में खुशी और संतोष का कारक होता है। हालांकि, लगातार और तीव्र डोपामाइन रिलीज से मस्तिष्क की प्राकृतिक संतुलन प्रणाली में असंतुलन आ सकता है। शोध में यह पाया गया है कि जब उपयोगकर्ता अत्यधिक शॉर्ट वीडियो सामग्री का सेवन करते हैं, तो मस्तिष्क में ‘ओवरस्टिमुलेशन’ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है जिससे ध्यान और दीर्घकालिक याददाश्त प्रभावित होती है।
ध्यान और प्रेरणा पर प्रभाव
शोध में यह भी संकेत मिला कि तेजी से बदलती वीडियो सामग्री से जुड़ा अनवरत मनोरंजन, उपयोगकर्ताओं के लिए दीर्घकालिक ध्यान केंद्रित करना और योजना बनाने में कठिनाई उत्पन्न कर सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रकार का प्रभाव “TikTok brain” के नाम से जाना जा रहा है, जहाँ तेज़ डिजिटल सामग्री के बीच वास्तविक दुनिया की गतिविधियों में रुचि कम हो जाती है। परिणामस्वरूप, युवा वर्ग और किशोर आयु के लोगों में शैक्षणिक और पेशेवर गतिविधियों पर प्रतिकूल असर देखने को मिल सकता है।
भावनात्मक संतुलन पर पड़ने वाले असर
अधिक मात्रा में डोपामाइन के कारण भावनाओं को नियंत्रित करना भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि लगातार शॉर्ट वीडियो सामग्री देखने से चिंता, अवसाद तथा प्रेरणा में कमी जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जा रही है कि वे समय-समय पर डिजिटल अवकाश लेकर अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें।
विशेषज्ञों की राय और ‘ब्रेन रॉट’
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने वर्ष 2024 के लिए जिस शब्द को ‘वर्ड ऑफ द ईयर’ घोषित किया है, वह है ‘ब्रेन रॉट’। यह शब्द उस मानसिक स्थिति को दर्शाता है जो सोशल मीडिया पर निरर्थक और अत्यधिक कंटेंट देखने की आदत के कारण उत्पन्न होती है। रिपोर्ट्स के अनुसार 2023 से 2024 के बीच इस शब्द के प्रयोग में 230 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
ऑक्सफोर्ड लैंग्वेजेस के अध्यक्ष कैस्पर ग्राथवोहल का मानना है कि ‘ब्रेन रॉट’ शब्द न केवल डिजिटल दुनिया के खतरों को उजागर करता है बल्कि यह नई तकनीक और मानव चेतना के बीच बदलते रिश्ते का संकेत भी देता है। उन्होंने कहा कि इस शब्द को ‘वर्ड ऑफ द ईयर’ चुना जाना हमारे समय की सटीक सामाजिक और मानसिक स्थिति को दर्शाता है।