
नासिक।
‘हर देवालय हो विद्यालय’ के जनआंदोलन को देशभर में विस्तार देने वाले ब्रह्मर्षि योगीराज श्री भारत भूषण भारतेंदु जी महाराज (संस्थापक, श्री हरि नारायण सेवा संस्थान, पालघर -महाराष्ट्र); अखिल भारतीय जैन दिवाकर मंच, नई दिल्ली के संत प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं भाजपा आध्यात्मिक आघाड़ी, महाराष्ट्र प्रदेश के योग प्रमुख का आगमन त्र्यंबक स्थित विश्व माउली वारकरी शिक्षण संस्थान (माउलीधाम) में हुआ।
इस अवसर पर उन्होंने गुरुकुल के छात्रों को योग, संस्कृति और संस्कार का जीवंत पाठ पढ़ाया तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाओं के साथ स्कूल बैग और कॉपियां वितरित कीं। साथ ही, उन्होंने बांसुरी वादन के साथ मराठी भजनों की भावपूर्ण प्रस्तुति भी दी।
‘दर्शन दे रे दे रे भगवंता’ और ‘पाउले चालती पंढरीची वाट’ जैसे भजनों ने समस्त उपस्थितजनों को भावविभोर कर दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्थान के शिक्षा कुलपति श्री राममणि त्रिपाठी जी ने कहा, ‘समाज के वंचित, अनाथ और निर्धन बच्चों की सेवा ही सच्चे अर्थों में शिक्षा का स्वरूप है। हमें हर संभव प्रयास कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना चाहिए।’

योगीराज श्री भारत भूषण भारतेंदु जी ने अपने उद्बोधन में कहा, ‘गुरुकुलों की स्थापना मंदिर प्रांगणों में होनी चाहिए, ताकि शिक्षा में आध्यात्मिकता का समावेश बना रहे। ‘हर देवालय हो विद्यालय’ केवल एक नारा नहीं, अपितु युगदृष्टि है।’
इस प्रेरणादायी अवसर पर गुरुकुल के संचालक श्री जगन लहारे जी ने योगीराज एवं समस्त आगंतुकों का ससम्मान स्वागत करते हुए कहा कि संस्थान भविष्य में भी समाजसेवा और आध्यात्मिक शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखेगा।