● राजेश झा की पुस्तक ‘नोटबदली से नोटबन्दी तक’ पर विमर्श

मुंबई।
‘भारत न कभी झुका है,न कभी झुकेगा।नोटबन्दी से जो हुआ वह कभी नहीं होगा। उसने देश को सौ साल तक के लिए बदल दिया। सरकार ने जो आत्मनिर्भरता को केंद्र में रखा यह उसी का प्रतीक है।’ यह विचार एम्बिट एसेट मैनेजमेंट के महाप्रबंधक एवं मुख्य संचालन अधिकारी सिद्धार्थ रस्तोगी ने मुम्बई भाषा परिषद द्वारा वरिष्ठ पत्रकार राजेश झा की पुस्तक ‘नोटबदली से नोटबन्दी तक’ (राशी प्रकाशन) पर आयोजित विमर्श में व्यक्त किये। वे समारोह के मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संजय फड़ (विभागाध्यक्ष: अर्थशास्त्र,एसएनडीटी विश्वविद्यालय) ने की।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ अशोक मोटवानी (जल विशेषज्ञ) डॉ अर्चना कुलकर्णी (विभागाध्यक्ष:अर्थ शास्त्र,सेंट जेवियर्स कॉलेज) व विमर्शकार रमाकांत शर्मा (अर्थशास्त्री, कथाकार) थे।
मनोगत के अंतर्गत भावुक होते हुए राजेश झा ने कहा, ‘मैं भाग्यशाली हूं कि मुझ बिहारी को लेखन का, रिश्तों का बीजमन्त्र महाराष्ट्र ने दिया। यह किताब उसी का नतीजा नतीजा है।’

कथाकार, पत्रकार हरीश पाठक ने कहा, ‘सतत साधना का प्रतिफल है यह शोध ग्रन्थ।’ संचालन विवेक अग्रवाल,स्वागत भाषण डॉ प्रमिला शर्मा ने किया।आयोजन के संयोजक रामकुमार थे।