
नई दिल्ली।
वुडलाइस (दीमक की तरह का एक जीव) को आमतौर पर अच्छा नहीं माना जाता लेकिन वुडलाइस कुछ अच्छा काम भी करते हैं। वुडलाइस छोटे लेकिन महत्वपूर्ण जीव हैं, जो पारिस्थितिकी तंत्र में अहम भूमिका निभाते हैं। ये मृत एवं सड़ रहे जैविक पदार्थों को तोड़कर मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं। इसी कारण इन्हें प्राकृतिक पुनर्चक्रक कहा जा सकता है।
वैज्ञानिक अध्ययनों से यह भी सिद्ध हुआ है कि वुडलाइस अपने शरीर के hepatopancreas अंग में भारी धातुओं जैसे सीसा, कैडमियम, जस्ता और तांबा को सूक्ष्म कणों के रूप में जमा कर सकते हैं। यह प्रक्रिया उन्हें विषाक्तता से बचाती है और धातुओं को अस्थायी रूप से निष्क्रिय अवस्था में रखती है।
हालाँकि, यह कहना सही नहीं होगा कि वे मिट्टी या भूजल को स्थायी रूप से प्रदूषण से मुक्त कर देते हैं क्योंकि उनके मरने के बाद ये धातुएँ पुनः मिट्टी में लौट सकती हैं।
इस प्रकार, वुडलाइस का योगदान मुख्यतः मृत पदार्थों के अपघटन और भारी धातुओं के अस्थायी संचयन तक सीमित है। फिर भी, उनका यह मौन कार्य पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में अत्यंत उपयोगी है।