● भारत–चीन संवाद में नई दिशा

नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के तियानजिन शहर में हो रहे 25वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। इस अवसर पर उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से हुई, जिसमें आपसी संबंधों को नई मजबूती देने पर बल दिया गया।
करीब 40 मिनट चली इस बैठक में दोनों नेताओं ने विश्वास और परस्पर सम्मान को रिश्तों की नींव बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीमा पर शांति और स्थिरता से सकारात्मक वातावरण बना है और अब द्विपक्षीय सहयोग के नए अवसर खुल रहे हैं।
इस बैठक का विशेष महत्व इसलिए भी है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा को पुनः प्रारंभ करने की सहमति बनी। यह निर्णय न केवल भारत–चीन संबंधों को सुदृढ़ करेगा बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी गहरी सद्भावना का संदेश देगा। यात्रियों के लिए मानसरोवर दर्शन की राह फिर खुलना, दोनों देशों के बीच विश्वास का प्रतीक माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत–चीन के सहयोग से जुड़े 2.8 अरब लोगों का हित न केवल दोनों देशों की प्रगति से बल्कि संपूर्ण मानवता के कल्याण से जुड़ा है। इस संदर्भ में उन्होंने आपसी संवेदनशीलता और विश्वास को भविष्य की दिशा बताया।
चीन के राष्ट्रपति को एससीओ की सफल अध्यक्षता के लिए शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत पड़ोसी रिश्तों को विश्वास, सहयोग और सद्भाव के साथ आगे बढ़ाना चाहता है।
