● असरानी परिवार की सुंदर संकल्पना

मुंबई।
असरानी परिवार के गणेशजी इस वर्ष श्रीमद्भगवद्भीता के 18 अध्यायों को सार रूप में लोगों के सामने रख रहे हैं। 24 मिनट के ऑडियो विज़ुअल प्रेज़ेंटेशन में सुंदरता से गीताजी के अध्यायों का सार संक्षिप्त में बताने का प्रयास सराहनीय है। उल्लेखनीय बात ये है कि सुंदर नगर, मालाड पश्चिम के असरानी परिवार के सदस्य ही झांकी और प्रस्तुतिकरण को तैयार करते हैं।

ज्ञात हो कि गत अनेक वर्षों से यह परिवार अपने घर में गणेशजी की स्थापना और पूजन करता है और इस परिवार ने लोकमान्य तिलक जी द्वारा प्रेरित सार्वजनिक गणेशोत्सव के भाव को जीवंत रखा है। गणेशोत्सव भक्ति और आस्था का पर्व तो है ही किंतु यह विभिन्न विषयों पर जनजागरण का माध्यम भी रहा है। इसी विचार को कृति में उतारते हुए असरानी परिवार हर वर्ष किसी न किसी थीम पर अपने घर में झांकी बनाता है। झांकी के अलावा ऑडियो-विज़ुअल प्रस्तुतिकरण से यह झांकी जीवंत हो उठती है। पिछले वर्षों में श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन के इतिहास पर आधारित प्रदर्शनी सजाई गई थी तो उससे पहले श्रीहनुमान जी के विभिन्न रूपों और तीर्थस्थलों की गहन जानकारी देनेवाला कार्यक्रम इस परिवार ने बनाया था।

गणेशोत्सव के इसी मूल भाव को समझते हुए यदि गणेशोत्सव मनाने वाले सार्वजनिक मंडल अधिकाधिक संख्या में इस ओर ध्यान देते हैं तो स्वतंत्रता संग्राम के बाद एक बार पुन: गणेशोत्सव आस्था के ज्वार के साथ ही साथ जनजागरण का अभूतपूर्व कार्य कर सकेगा, इसमें कोई दो राय नहीं है।
Superb effort. Beautiful