● दंपती ने 900 वर्गफुट मकान को हरियाली में बदला

तिरुअनंतपुरम@केरल
प्रिंस और सोनिया नामक अध्यापक दंपती ने बीते दस वर्षों में अपने छोटे से 900 वर्गफुट के घर को एक हरे-भरे उपवन में बदल डाला है। आज उनका घर किसी प्राकृतिक अभयारण्य से कम नहीं, जहां 250 से अधिक पौधों के साथ मछलियां, तितलियां और पक्षी भी समान रूप से रहते हैं।
ये एक प्रकार की बेल-Creepers दीवारों पर चढ़ती है, कोकेडामा मॉस बॉल्स झूमरों की तरह लटकती है, टैरैरियम्स रोशनी में चमकती है और पानी के भीतर मछलियां व जड़ों का संसार जीवंत नजर आता है। घर में हरियाली का यह नजारा ऐसा है मानो कोई छिपे हुए जंगल में प्रवेश कर रहा हो।

शुरुआत एक पौधे से हुई
करीब दस साल पहले धुआं, धूल और घर में तेज धूप की परेशानी के बीच प्रिंस ने एक बेल (creeper) लगाई थी। वही एक पौधा धीरे-धीरे सैकड़ों पौधों का रूप लेता चला गया। सोनिया हंसते हुए कहती हैं, ‘जब भी हम बाहर निकलते हैं, नर्सरी जाना जरूर होता है और वहां से कोई न कोई नया पौधा साथ आ ही जाता है।’
प्रकृति को खुला छोड़ दिया
इस हरियाली को बिना काट-छांट के प्राकृतिक रूप में पनपने दिया गया। नतीजा यह हुआ कि घर के भीतर सुकून भरी ठंडी छांव, तितलियों की उड़ान, पक्षियों का बसेरा और हरियाली की ताजगी ने वातावरण को आश्रम जैसा बना दिया। खास बात यह है कि अब तक वहां एक भी सांप नहीं आया। इसके लिए वे मिट्टी पर केरोसिन और पानी का छिड़काव करते हैं।

घर ही बना ‘गार्डन थेरेपी’
जहां लोग मानसिक शांति पाने के लिए दूर-दराज के रिसॉर्ट्स का रुख करते हैं, वहीं प्रिंस और सोनिया ने अपना घर ही ‘गार्डन थेरेपी’ का ठिकाना बना लिया है। उनका कहना है कि यह घर अब सिर्फ रहने की जगह नहीं बल्कि आत्मा को सुकून देने वाला एक जीवंत वन है।
स्रोत: द बेटर इंडिया, इंडियन एक्सप्रेस