- छात्रों के बीच क्यों प्रसिद्ध हैं बिहार के ‘दारोगा गुरु’

पटना। बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रेरणास्रोत बन चुके मोतिउर रहमान खान, जिन्हें आज सभी गुरु रहमान के नाम से जानते हैं, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के बीच एक प्रतिष्ठित नाम हैं। वे ‘अदम्य अदिति गुरुकुल कोचिंग संस्थान’ के संस्थापक हैं और छात्रों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय हैं, खासकर बिहार पुलिस में दारोगा पद के उम्मीदवारों के बीच।
गुरु रहमान को ‘दारोगा गुरु’ की उपाधि उनके छात्रों की सफलता के कारण मिली है। उनके मार्गदर्शन में सैकड़ों छात्र बिहार पुलिस के अधिकारी बने हैं। हालांकि वे केवल दारोगा परीक्षा तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि सिविल सेवा और अन्य प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी कराते हैं।
गुरु रहमान की ख्याति तब और बढ़ी जब पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने उन्हें ‘गुरु’ की उपाधि से सम्मानित किया। एक कार्यक्रम के दौरान रहमान ने ‘ट्रेड रूट ऑफ इंडिया इन एंशिएंट इंडिया’ विषय पर अपना शोध प्रस्तुत किया और उसे समकालीन परिप्रेक्ष्य से जोड़कर डॉ. कलाम को प्रभावित किया। इस पर डॉ. कलाम ने स्वयं उन्हें ‘गुरु रहमान’ कहकर संबोधित किया, जिसके बाद से यही नाम उनकी पहचान बन गया।
आज भी गुरु रहमान शिक्षा के क्षेत्र में निस्वार्थ भाव से कार्य कर रहे हैं और युवाओं को एक सुनहरा भविष्य देने के अपने मिशन पर अग्रसर हैं।