
भारतीय नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और रूपा ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए सिर्फ पवन ऊर्जा पर निर्भर रहकर पृथ्वी की परिक्रमा पूरी की है। यह यात्रा लगभग 8 महीने तक चली और अब दोनों अधिकारी सफलतापूर्वक स्वदेश लौट आई हैं।
इस अद्वितीय अभियान का नेतृत्व और प्रशिक्षण प्रदान किया कमांडर अभिलाष टॉमी (कीर्ति चक्र) ने, जो स्वयं 2013 में एकल और बिना रुके नौकायन द्वारा विश्व भ्रमण करने वाले पहले भारतीय रह चुके हैं।
लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और रूपा, भारत की पहली दो-सदस्यीय महिला टीम हैं जिन्होंने नौकायन के माध्यम से विश्व की परिक्रमा की है। अब तक केवल 8 भारतीय ही यह चुनौतीपूर्ण कार्य कर पाए हैं, जिनमें से एक कमांडर टॉमी भी हैं। इस दल में कैप्टन मनीष सेन भी थे।
कमांडर टॉमी, जो अब भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त हैं, ने इस अभियान के लिए दोनों अधिकारियों को नौकायन सिद्धांत, मौसम विज्ञान, नौवहन तकनीक, आपातकालीन प्रक्रियाएं, GMDSS, और नाव प्रणालियों पर गहन प्रशिक्षण दिया। यह प्रशिक्षण पहले कक्षा में और फिर समुद्र में व्यावहारिक तौर पर किया गया।
प्रशिक्षण अत्यंत कठोर था और प्रत्येक पहलू पर बारीकी से ध्यान दिया गया, चाहे वह मौसम की अनिश्चितता हो, उपकरणों की कार्यप्रणाली, या संकट की स्थिति में त्वरित निर्णय लेना।
यात्रा के दौरान, कमांडर टॉमी ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के विभिन्न बंदरगाहों पर जाकर नाव और दल की स्थिति का निरीक्षण किया तथा मिशन की प्रगति की निगरानी की।