● 2025 में भारत का सकारात्मक परिदृश्य

नई दिल्ली।
वर्ष 2025 में भारत के रोज़गार परिदृश्य में कई राज्यों ने उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज की हैं। 28 राज्यों और 8 केंद्रशासित प्रदेशों में से कुछ राज्यों ने बेहद कम बेरोज़गारी दर के साथ आर्थिक मजबूती और बेहतर अवसरों की तस्वीर पेश की है।
सबसे कम बेरोज़गारी वाले राज्य
● त्रिपुरा – मात्र 1.4% बेरोज़गारी दर, कृषि, हथकरघा और लघु उद्योगों से निरंतर रोज़गार सृजन।
● मध्यप्रदेश – 1.6%, कृषि व निर्माण क्षेत्र के साथ बढ़ती सेवाएं।
● गुजरात – 1.7%, मज़बूत औद्योगिक ढांचा और बुनियादी परियोजनाएं।
● झारखंड – 1.7% से 2.1%, खनिज संसाधन और औद्योगिक विविधता से रोज़गार में बढ़ोतरी।
● दिल्ली – 1.9% से 4.6%, प्रशासन, वाणिज्य और सेवाओं से अवसर।
● कर्नाटक – 2.5%, बेंगलुरु के आईटी हब और स्टार्टअप इकोसिस्टम के कारण रोजगार की नई दिशा।
रोज़गार वृद्धि के आयाम
कम बेरोज़गारी वाले राज्यों में कृषि, उद्योग, सेवाएं और डिजिटल अर्थव्यवस्था का संतुलित विकास देखा गया है। गुजरात ने औद्योगिक पार्क और निर्यात आधारित वृद्धि से रोजगार माहौल मजबूत किया है, वहीं कर्नाटक ने आईटी और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देकर युवाओं के लिए नए अवसर खोले हैं।
भारत की स्थिति और चुनौतियां
मध्य-2025 तक भारत की औसत बेरोज़गारी दर 4.9% से 5.1% रही। शहरी क्षेत्रों में युवा बेरोज़गारी और कौशल असंगति अब भी बड़ी चुनौती बनी हुई है।
सरकारी पहलें
‘युवा निधि’ जैसी योजनाओं से बेरोज़गार स्नातकों को आर्थिक सहारा दिया जा रहा है। विदेशी निवेश, कौशल विकास और औद्योगिक ढांचे पर निवेश को प्राथमिकता मिल रही है।
त्रिपुरा, गुजरात, मध्यप्रदेश, झारखंड, दिल्ली और कर्नाटक जैसे राज्य रोज़गार सृजन के आदर्श मॉडल बन रहे हैं। भारत के समावेशी विकास के लिए शहरी और युवा बेरोज़गारी से निपटना अनिवार्य है।
स्रोत : सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) व अन्य हालिया रिपोर्ट्स, 2025